नेपाल में सोमवार से शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन मंगलवार को और उग्र हो गए हैं, जिससे वहां की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राजनीतिक भाई-भतीजावाद के खिलाफ जनता का गुस्सा सड़कों पर उतर आया है। इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नेपाल में फंसे या रह रहे राजस्थानी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और महत्वपूर्ण अपील जारी की है।
राजस्थान सरकार की अपील
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि नेपाल के मौजूदा हालात को देखते हुए राजस्थान सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है। सीएम ने नेपाल में मौजूद राजस्थानवासियों से अपील की है कि वे भारतीय दूतावास के साथ निरंतर संपर्क में रहें और भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का सख्ती से पालन करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने नेपाल में मौजूदा अशांति को देखते हुए भारतीय नागरिकों के लिए एक सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। इसमें सलाह दी गई है कि:
- भारतीय नागरिक फिलहाल नेपाल की यात्रा स्थगित कर दें।
- नेपाल में मौजूद नागरिक अपने निवास स्थान पर ही सुरक्षित रहें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
- भीड़, रैलियों और विरोध प्रदर्शनों से दूरी बनाए रखें।
- नेपाल प्रशासन और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर
किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए भारतीय दूतावास ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
- +977-9808602881
- +977-9810326134
भारतीय नागरिक इन नंबरों के जरिए काठमांडू स्थित दूतावास से तुरंत संपर्क कर सकते हैं।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन का कारण
नेपाल में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत 3 सितंबर 2025 को सरकार द्वारा फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से हुई। सरकार का दावा था कि ये प्लेटफॉर्म्स स्थानीय नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। हालांकि, यह प्रतिबंध केवल एक शुरुआत थी। युवाओं का गुस्सा वास्तव में गहरे मुद्दों जैसे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और राजनीतिक भाई-भतीजावाद के खिलाफ उभरकर सामने आया।
‘जेन-जेड आंदोलन’ के रूप में पहचाने जाने वाले इस विरोध में हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लिखी तख्तियों के साथ काठमांडू, वीरगंज, जनकपुर और अन्य शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थिति तब और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की। अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ी चौकसी
नेपाल में अशांति का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी देखने को मिल रहा है। बिहार और उत्तर प्रदेश से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। सीमा पर कड़ी निगरानी और सघन जांच की जा रही है ताकि स्थिति को नियंत्रित रखा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय चिंता
नेपाल की अस्थिरता ने भारत सहित कई देशों को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को मजबूर किया है। भारत सरकार ने सभी पक्षों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण संवाद के जरिए समाधान निकालने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेपाल की स्थिति को “हृदयविदारक” बताते हुए शांति की अपील की है।
