उदयपुर में अपराधियों पर पुलिस का बड़ा प्रहार: 402 गिरफ्तार, 860 स्थानों पर छापेमारी, हिस्ट्रीशीटरों में खौफ

उदयपुर | राजस्थान के उदयपुर जिले में अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने बुधवार तड़के एक व्यापक और सुनियोजित अभियान चलाया। जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) योगेश गोयल के नेतृत्व में शुरू किए गए इस विशेष ऑपरेशन ने अपराधियों के बीच खौफ पैदा कर दिया। जिले के सभी थानों की 130 से अधिक टीमों और 550 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने इस अभियान में हिस्सा लिया, जिसके तहत 860 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई। इस मेगा ऑपरेशन में 402 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें हत्या, लूट, और डकैती जैसे गंभीर मामलों में वांछित खतरनाक अपराधी भी शामिल हैं।

अभियान का दायरा: 860 स्थानों पर छापेमारी

उदयपुर पुलिस ने इस अभियान को जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर अंजाम दिया। सुबह-सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने संदिग्ध ठिकानों, अपराधियों के अड्डों, और उनके संभावित छिपने के स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। 860 से अधिक स्थानों पर की गई इस कार्रवाई ने अपराधियों को भागने का कोई मौका नहीं दिया। पुलिस ने न केवल वांछित अपराधियों को पकड़ा, बल्कि संभावित अपराधों को रोकने के लिए भी कड़े कदम उठाए।

402 अपराधी गिरफ्तार, 7 खतरनाक अपराधी शामिल

इस अभियान में पुलिस ने कुल 402 अपराधियों को हिरासत में लिया। इनमें से:

  • 7 खतरनाक अपराधी: ये अपराधी हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, और डकैती जैसे संगीन अपराधों में वांछित थे। इनकी गिरफ्तारी से जिले में गंभीर अपराधों पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
  • 91 वारंटी अपराधी: स्थायी और गिरफ्तारी वारंट वाले अपराधियों को भी पकड़ा गया, जो लंबे समय से फरार थे।
  • 14 सामान्य अपराधी: अन्य छोटे-मोटे मामलों में वांछित आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया।

निरोधात्मक कार्रवाई: 258 लोग हिरासत में

पुलिस ने केवल वांछित अपराधियों को पकड़ने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि संभावित अपराधों को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाए। अभियान के तहत 258 लोगों को निरोधात्मक कार्रवाई के अंतर्गत हिरासत में लिया गया। यह कदम उन व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए था, जो भविष्य में अपराध करने की संभावना रखते हैं। इसके साथ ही, पुलिस ने 94 हिस्ट्रीशीटरों से गहन पूछताछ की और उनकी गतिविधियों की बारीकी से जांच की। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि जिले में आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह से नकेल कसी जाए।

अवैध शराब और नशे पर सख्ती

इस विशेष अभियान में पुलिस ने अवैध शराब, हथियार, और नशीले पदार्थों के कारोबार पर भी जोरदार प्रहार किया। आबकारी अधिनियम, आर्म्स एक्ट, और एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 23 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 20 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, अन्य कानूनों के तहत 12 मामलों में 12 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने अवैध शराब की भट्टियों, नशीली दवाओं के अड्डों, और गैरकानूनी हथियारों के ठिकानों पर छापेमारी कर इन गतिविधियों को रोकने में सफलता हासिल की।

एसपी योगेश गोयल का बयान: “अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा”

जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने इस अभियान को अपराध नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “उदयपुर में अपराध और अपराधियों के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है। यह अभियान केवल शुरुआत है, और ऐसी सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। हमारा लक्ष्य उदयपुर को अपराधमुक्त और सुरक्षित बनाना है।” गोयल ने आम जनता से अपील की कि वे अपराध से जुड़ी किसी भी जानकारी को पुलिस के साथ साझा करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

अभियान का प्रभाव: अपराधियों में खौफ

इस बड़े पैमाने पर अभियान ने उदयपुर के आपराधिक तंत्र को झकझोर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई ने हिस्ट्रीशीटरों और अपराधियों में डर पैदा किया है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “पुलिस की इस सक्रियता से आम जनता में सुरक्षा का भाव बढ़ा है। अपराधी अब समझ गए हैं कि कानून का डर अभी बाकी है।” सोशल मीडिया पर भी इस अभियान की खूब तारीफ हो रही है, जहां लोग इसे उदयपुर पुलिस की ताकत और प्रतिबद्धता का प्रतीक बता रहे हैं।

सामाजिक और कानूनी महत्व

यह अभियान न केवल अपराध नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में कानून के प्रति विश्वास को भी मजबूत करता है। अवैध शराब और नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई ने युवाओं को नशे की लत से बचाने की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश दिया है। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि इस तरह के अभियानों को नियमित और दीर्घकालिक बनाने की जरूरत है ताकि अपराध की जड़ों पर गहरा प्रहार किया जा सके।