राजस्थान सचिवालय में प्लास्टर गिरने की तीसरी घटना: कर्मचारियों में दहशत, मांग तेज हुई सुरक्षा जांच की

जयपुर : राजस्थान में स्कूल भवनों के ढहने की घटनाओं के बाद अब सचिवालय परिसर में भी खतरे की घंटी बज गई है। जयपुर स्थित सचिवालय की छत से प्लास्टर गिरने की ताजा घटना ने कर्मचारियों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है। रूम नंबर-1206 के बाहर अचानक छत का प्लास्टर गिरा, और गनीमत रही कि उस वक्त वहां से गुजर रहे कर्मचारी समय रहते बच गए। लेकिन इस घटना ने भवन की संरचनात्मक सुरक्षा पर सवाल उठा दिए हैं, क्योंकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई या चेतावनी सामने नहीं आई है।

दस दिनों में तीसरी घटना

यह सचिवालय परिसर में पिछले दस दिनों में प्लास्टर गिरने की तीसरी घटना है, जिससे कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है। पिछले सप्ताह गेट नंबर-2 के पास और एसएसओ भवन के निकट भी इसी तरह की घटनाएं हुईं, लेकिन हर बार किसी बड़े हादसे से बाल-बाल बचा गया। कर्मचारी अब अपने कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने केबिनों में भी सतर्कता बरतते हुए छत की ओर नजर रखते हैं। अनौपचारिक बातचीत में कई अधिकारियों ने स्वीकार किया कि यह स्थिति उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बन रही है।

सुरक्षा चिंताएं और मांग

इस बढ़ते खतरे के बीच सचिवालय प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। कर्मचारियों और अधिकारियों की ओर से तत्काल आपात निरीक्षण और भवन की तकनीकी जांच की मांग तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर हिस्सों की मरम्मत के साथ-साथ जोखिम वाले क्षेत्रों से अस्थायी रूप से स्टाफ को हटाकर वैकल्पिक कार्यस्थल की व्यवस्था जरूरी है। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्ययोजना सामने नहीं आई, जो चिंता को और गहरा रहा है।

सचिवालय की स्थिति पर सवाल

राज्य का प्रशासनिक केंद्र होने के नाते सचिवालय की यह स्थिति बेहद परेशान करने वाली है। स्कूलों के बाद अब सरकारी कार्यालयों में भी भवनों की खराब हालत सामने आ रही है, जो सार्वजनिक विश्वास को कमजोर कर रही है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस मुद्दे पर त्वरित कदम उठाने की अपील की है, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।