फलोदी हादसे पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: NHAI और परिवहन मंत्रालय को नोटिस, 2 हफ्ते में एक्सप्रेसवे सर्वे रिपोर्ट मांगी – मुख्य सचिवों को तलब

बीकानेर/जोधपुर, 10 नवंबर 2025 |

राजस्थान के फलोदी में 2 नवंबर को हुए भीषण सड़क हादसे ने सुप्रीम कोर्ट को हरकत में ला दिया है। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने दोनों मंत्रालयों से एक्सप्रेसवे का सर्वे कर दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि “हाल की दो घटनाओं में लगभग 40 जिंदगियां खोना बेहद दुखद है”

TharToday.com को मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने राजस्थान और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को भी तलब किया है। हाईवे किनारे अवैध ढाबों की संख्या, सड़क की स्थिति और मेंटेनेंस पर सवाल उठाए गए हैं। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील आत्माराम नाडकर्णी को अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है। यह कदम राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


हादसे का काला अध्याय: तीर्थ यात्रियों की बस पर ट्रक की चपेट, 18 की मौत

  • घटना: 2 नवंबर 2025 को जोधपुर से बीकानेर जा रही तीर्थ यात्रा पर भरी टैंपो ट्रैवलर (मिनी वैन) माटोड़ा गांव के पास सड़क किनारे खड़े ट्रेलर ट्रक से टकरा गई।
  • मृतक: कम से कम 18 लोग, जिनमें 10 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल। ज्यादातर जोधपुर जिले के श्रद्धालु थे, जो रामदेवरा या बीकानेर तीर्थ लौट रहे थे।
  • कारण: बेहद खराब सड़क स्थिति – गड्ढे, खराब लाइटिंग और अवैध पार्किंग। मीडिया रिपोर्ट्स में भारतमाला प्रोजेक्ट की लापरवाही उजागर हुई।

मृतकों के परिजनों ने बताया कि वाहन ओवरलोड था और ड्राइवर की लापरवाही भी एक कारण बनी। स्थानीय प्रशासन ने मुआवजा घोषित किया, लेकिन परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं।


तेलंगाना हादसा: 20 मौतों ने बढ़ाई कोर्ट की चिंता

  • 3 नवंबर 2025: तेलंगाना-बीजापुर हाईवे पर एक और भयानक टक्कर में 20 लोगों की मौत
  • कोर्ट का रुख: दोनों हादसों को देखते हुए कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर जांच का संकेत दिया। पहले इन दो मामलों की रिपोर्ट देखी जाएगी, फिर सभी राजमार्गों पर सर्वे का दायरा बढ़ेगा।

बेंच ने कहा:

“ये हादसे सड़क सुरक्षा की लापरवाही को दर्शाते हैं। ढाबों की अनधिकृत संख्या, सड़क की खराब हालत और प्राइवेट ठेकेदारों की मेंटेनेंस उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई हो।”


कोर्ट के मुख्य निर्देश: ढाबों पर नजर, मुख्य सचिवों को जवाब तलब

  • NHAI और परिवहन मंत्रालय: हाईवे सर्वे कर रिपोर्ट दें – सड़क की स्थिति, अवैध ढाबों की संख्या (किन क्षेत्रों में बिना अनुमति चल रहे), और मेंटेनेंस मानकों का पालन।
  • गृह मंत्रालय: सुरक्षा उपायों पर फोकस, जैसे लाइटिंग, साइनेज और ट्रैफिक मॉनिटरिंग।
  • राजस्थान-तेलंगाना मुख्य सचिव: तलब – राज्य स्तर पर कार्रवाई का ब्योरा दें।
  • अमिकस क्यूरी: आत्माराम नाडकर्णी कोर्ट को सलाह देंगे।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में हादसों के कारण साफ दिख रहे हैं, इसलिए तत्काल कदम उठाए जाएं।


राजस्थान में सड़क हादसों का आंकड़ा: चेतावनी का संकेत

राजस्थान में 2025 में अब तक 15,000 से ज्यादा हादसे, जिनमें 5,000 मौतें। फलोदी जैसी घटनाएं भारतमाला प्रोजेक्ट की कमियों को उजागर कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ओवरस्पीड, खराब सड़कें और अवैध पार्किंग मुख्य वजहें हैं।

परिवहन विभाग ने कहा:

“सर्वे के बाद सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।”

यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का मौका दे सकता है। TharToday.com कोर्ट की अगली सुनवाई पर नजर रखे हुए है।