सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई का बीकानेर दौरा: संविधान के 75 वर्ष और बाबा साहेब के योगदान पर चर्चा

Supreme Court Chief Justice B.R. Gavai visits Bikaner

बीकानेर: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने शनिवार को बीकानेर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (MGSU) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जो भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान को समर्पित था। कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विजय बिश्नोई भी उपस्थित रहे।

संविधान और बाबा साहेब का योगदान

सीजेआई गवई ने अपने संबोधन में कहा, “बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने हमें समानता का अधिकार प्रदान किया, जिसने भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा दिया। उनका योगदान अतुलनीय है और इसे कोई नहीं भूल सकता।” केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बाबा साहेब की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा, “उनके प्रयासों से ही भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार जल्द मिला, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में यह सुविधा काफी बाद में उपलब्ध हुई।”

कार्यक्रम में बीकानेर की विधायक सिद्धि कुमारी, विश्वनाथ मेघवाल, ताराचंद सारस्वत, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, पुलिस महानिरीक्षक हेमंत शर्मा, कलेक्टर नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

बीकानेर की संस्कृति का लिया आनंद

मुख्य न्यायाधीश ने बीकानेर की समृद्ध संस्कृति और आतिथ्य का अनुभव भी लिया। उन्होंने रेतीले धोरों पर ऊंटगाड़ी की सवारी का लुत्फ उठाया, जिसमें उनके साथ केंद्रीय मंत्री मेघवाल और जस्टिस बिश्नोई भी शामिल थे। बीकानेर के रंगीन परंपराओं और राजस्थानी शाही अंदाज ने अतिथियों को खासा प्रभावित किया। सीजेआई ने स्थानीय संस्कृति की तारीफ करते हुए इसे अविस्मरणीय बताया।

ऊंटनी के दूध से बने पेड़े का स्वाद

दौरे के दौरान सीजेआई गवई ने MGSU परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित मेगा विधिक सेवा शिविर-2025 का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का जायजा लिया। राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र (NRCC) के स्टॉल पर उन्होंने ऊंटनी के दूध से बने पेड़े का स्वाद चखा और इस दूध से बने अन्य उत्पादों की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, उन्होंने बीकानेर के पंच गौरव, उस्ता कला और महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों का भी निरीक्षण किया।

हाईकोर्ट बेंच की मांग फिर उठी

कार्यक्रम के दौरान बीकानेर बार एसोसिएशन के वकीलों ने हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की लंबे समय से चली आ रही मांग को फिर से उठाया। वकीलों ने नारेबाजी कर अपनी मांग को जोरदार तरीके से रखा। हालांकि, सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का अधिकार राज्य के मुख्य न्यायाधीश के पास है। यह मांग बीकानेर के लिए लंबे समय से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है।

बीकानेर में आतिथ्य और संस्कृति की छाप

सीजेआई के इस दौरे ने न केवल संवैधानिक मूल्यों को रेखांकित किया, बल्कि बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर और आतिथ्य को भी राष्ट्रीय मंच पर उजागर किया। यह दौरा स्थानीय लोगों के लिए गर्व का क्षण रहा, जिन्होंने अपने शहर की परंपराओं को इतने बड़े मंच पर प्रदर्शित होते देखा।