सीकर में NEET स्टूडेंट का सुसाइड: एडमिशन के 3 दिन बाद हॉस्टल में बेडशीट से फंदा बनाकर पंखे से लटका, एक ही दिन कोचिंग गया था

सीकर, राजस्थान | राजस्थान के सीकर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक NEET की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली। यह घटना उद्योग नगर क्षेत्र के एक निजी हॉस्टल में हुई, जहां छात्र ने बेडशीट का फंदा बनाकर पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि छात्र ने कोचिंग में एडमिशन मात्र तीन दिन पहले लिया था और उसने केवल एक ही दिन कोचिंग अटेंड की थी। इस घटना ने एक बार फिर कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों की मानसिक स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

  • स्थान: उद्योग नगर, सीकर, राजस्थान
  • समय: 12 जुलाई 2025 (शनिवार रात या सुबह की घटना, अभी पुष्टि होना बाकी)
  • शिकार: 20 वर्षीय NEET स्टूडेंट, दिनेश कुमार (बालोतरा, समदड़ी निवासी)
  • तरीका: बेडशीट से फंदा बनाकर पंखे से लटका

पुलिस के अनुसार, मृतक दिनेश कुमार पुत्र मिश्रा राम, जो बालोतरा जिले के समदड़ी का निवासी था, ने तीन दिन पहले ही सीकर में एक कोचिंग सेंटर में NEET की तैयारी के लिए एडमिशन लिया था। उसने केवल एक दिन कोचिंग अटेंड की थी, जिसके बाद यह दुखद घटना हुई। शनिवार को हॉस्टल के कमरे में उसका शव बेडशीट से पंखे से लटका हुआ पाया गया। हॉस्टल के अन्य छात्रों या कर्मचारियों ने जब उसे कमरे से बाहर नहीं निकलते देखा, तो उन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया, जहां यह भयावह दृश्य सामने आया।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस आज सुबह मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के कारणों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। पुलिस ने हॉस्टल के अन्य छात्रों और स्टाफ से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही, कोचिंग सेंटर और हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की जा रही है। मृतक के परिवार को सूचित कर लिया गया है, और पोस्टमॉर्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।

संभावित कारण और जांच

पुलिस अभी तक यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर क्या कारण था जिसने छात्र को इस कदम को उठाने के लिए मजबूर किया। यह माना जा रहा है कि कोचिंग का दबाव, अकेलापन, या अन्य व्यक्तिगत समस्याएं इसके पीछे हो सकती हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आया है। दिनेश के केवल एक दिन कोचिंग अटेंड करने के बाद यह कदम उठाना चिंता का विषय है, और यह संकेत देता है कि शायद उसे शुरू से ही मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा हो।

स्थानीय प्रतिक्रिया

इस घटना ने सीकर और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी है। कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता और स्थानीय लोग इस तरह की घटनाओं पर चिंता जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि हॉस्टल और कोचिंग सेंटरों में मानसिक स्वास्थ्य सपोर्ट और काउंसलिंग की सुविधा बेहद जरूरी है। कुछ लोगों ने मांग की है कि हॉस्टल में एंटी-सुसाइड डिवाइस जैसे पंखे और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए।

पुलिस की अपील

सीकर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि उनके पास इस घटना से संबंधित कोई जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, पुलिस ने माता-पिता और हॉस्टल प्रबंधन से आग्रह किया है कि वे छात्रों की मानसिक स्थिति पर नजर रखें और किसी भी असामान्य व्यवहार की सूचना दें।

बचाव और जागरूकता

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव सामने आए हैं:

  • कोचिंग सेंटरों और हॉस्टल में नियमित काउंसलिंग सत्र आयोजित करें।
  • हॉस्टल में एंटी-सुसाइड डिवाइस जैसे स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाएं।
  • छात्रों के माता-पिता को उनके व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करें।
  • किसी भी तनाव या समस्याओं के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराएं।

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