श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र में किसानों का सब्र जवाब दे गया है। गंगनहर और इंदिरा गांधी नहर से निर्धारित पानी न पहुंचने और लगातार बिजली कटौतियों से जूझते खेतों ने आज जोरदार धरना जन्मा दिया। सैकड़ों किसानों ने उपखंड कार्यालय, कलेक्ट्रेट और गंगा सिंह चौक पर टेंट गाड़कर अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत की। महिलाओं के क्रमिक अनशन ने संघर्ष को नई ताकत दी है, जबकि व्यापार बंद और मंडी ठप होने से पूरा इलाका हिल गया। किसान नेता बोले, “फसलें मर रही हैं, लेकिन हमारी आवाज दबेगी नहीं।”
किसानों का गुस्सा पंजाब सरकार पर केंद्रित है, जो गंगनहर में तय कोटे से 50% से ज्यादा पानी रोक रही है। रायसिंहनगर के 82 आरबी गांवों में नहरें सूखी पड़ी हैं, गेहूं-सरसों की रबी फसलें मुरझा रही हैं। एक किसान ने बताया, “पिछले हफ्ते से खेतों में एक बूंद भी नहीं, अब तो बीज भी बर्बाद हो जाएंगे। सिंचाई विभाग की लापरवाही ने हालात और बिगाड़ दिए – नहरों की सफाई नहीं हुई, गेटों पर जंग लग गया।”
बिजली कटौती ने घाव पर नमक छिड़का है। महीनों से 24 में से सिर्फ 12 घंटे बिजली मिल रही, जिससे मोटरें चालू ही नहीं हो पा रही। रेगिस्तानी इलाके में सिंचाई के बिना फसलें सूखने लगी हैं। किसान संगठनों का आरोप है कि प्रशासन की नजरअंदाजी से दलहन-धान जैसी फसलें खतरे में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, जिले में पिछले तीन महीनों में 40% से ज्यादा पानी की कमी दर्ज हुई, जो 2024 के संकट से भी बदतर है।
रायसिंहनगर के प्रमुख चौराहों पर टेंट लगे, जहां किसान नेता रैली निकालकर नारेबाजी कर रहे। गंगा सिंह चौक पर महिलाओं ने क्रमिक अनशन शुरू किया, बोलीं, “हमारे बच्चे भूखे सोएंगे, लेकिन हक के लिए लड़ेंगे।” व्यापारियों ने समर्थन में दुकानें बंद कर दीं, मंडी में कारोबार ठप। ट्रैक्टर रैलियों ने सड़कों को गुलजार कर दिया, और ‘पानी दो, बिजली दो’ के नारे गूंजे।
यह आंदोलन भारतीय किसान यूनियन और स्थानीय पंचायतों के बैनर तले चल रहा, जो जून के पिछले धरनों का विस्तार लगता है। तब भी गंगनहर संकट ने कलेक्ट्रेट घेरा था, लेकिन आज का प्रदर्शन ज्यादा संगठित है।
किसानों ने कलेक्टर और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें पानी की निर्धारित सप्लाई, बिजली कटौती बंद करने और विभागीय अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। प्रशासन ने वार्ता में एक सप्ताह के अंदर समाधान का भरोसा दिलाया। सिंचाई विभाग ने कहा, “पंजाब से जल शेयरिंग पर उच्च स्तरीय बातचीत हो रही, जल्द राहत मिलेगी।” बिजली निगम ने भी ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड का वादा किया।
कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग और अतिरिक्त फोर्स तैनात की, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कलेक्टर ने कहा, “हम किसानों की पीड़ा समझते हैं, तत्काल कदम उठाएंगे।”
किसान नेताओं ने साफ शब्दों में कहा, “मौखिक वादे पुराने हो चुके। लिखित गारंटी न मिली तो आंदोलन पूरे श्रीगंगानगर और राजस्थान में फैलेगा।” योजना है मंडी बंद, चक्का जाम और बड़े रोड ब्लॉक। यदि संकट बरकरार रहा, तो दिल्ली बॉर्डर तक मार्च का ऐलान। यह सिर्फ पानी-बिजली का मुद्दा नहीं, बल्कि किसानों के अस्तित्व की लड़ाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराज्यीय जल विवाद को केंद्र स्तर पर हल करना जरूरी, वरना रबी सीजन पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।
श्रीगंगानगर के ये खेत अब उम्मीद की आस लगाए हैं – क्या प्रशासन जागेगा, या संकट और गहराएगा?
बीकानेर के लूणकरणसर में राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पर गैस गोदाम के पास लोक परिवहन बस…
बीकानेर जिले के रणजीतपुरा और रावला के बीच ग्रामीणों और अवैध शिकारियों के बीच मंगलवार…
बीकानेर/जोधपुर, 10 नवंबर 2025 | राजस्थान के फलोदी में 2 नवंबर को हुए भीषण सड़क…
बीकानेर, 10 नवंबर 2025 | पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार दोपहर करीब 2 बजे…
बीकानेर जिले के नोखा तहसील के जसरासर थाना क्षेत्र में गुदुसर रोही स्थित एक ढाणी…
बीकानेर, 09 नवंबर 2025 | बीकानेर के सदर थाने में दर्ज एक नई एफआईआर ने…