नाइजर

‘बेटा परदेस कमाने गया था, बक्से में लौटा’: नाइजर में आतंकियों ने भारतीयों को गोली मारी, अगवा रंजीत का अब तक पता नहीं

नाइजर: नाइजर में 15 जुलाई को हुए एक आतंकी हमले ने भारतीय परिवारों को झकझोर कर रख दिया। आतंकियों ने एक ट्रांसमिशन लाइन निर्माण स्थल पर गोलीबारी की, जिसमें दो भारतीय मजदूरों, कृष्ण कुमार गुप्ता और गणेश करमाली, की मौत हो गई, जबकि रंजीत सिंह का अपहरण कर लिया गया। रंजीत का अब तक कोई पता नहीं चला है।

कृष्ण के पिता ने दुख जताते हुए कहा, “मैंने बेटे को परदेस कमाने भेजा था, लेकिन वो बक्से में लौटा। उसकी लाश को देखने में 12 दिन लग गए। उसे सीने और कमर पर गोलियां मारी गई थीं।” यह हमला कथित तौर पर बोको हरम आतंकी समूह ने किया। पिछले चार महीनों में नाइजर में आठ भारतीय मजदूरों को निशाना बनाया गया, जिनमें छह का अपहरण और दो की हत्या हुई।

भारतीय दूतावास और स्थानीय प्रशासन रंजीत की तलाश में जुटे हैं, लेकिन परिवार को अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। इस घटना ने विदेशों में काम करने वाले भारतीय मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।

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