सवाई माधोपुर में नरेश मीणा का सनसनीखेज आरोप: DSP उदय मीणा पर लगाया निर्दोषों को प्रताड़ित करने और अवैध वसूली का इल्जाम

सवाई माधोपुर | राजस्थान के टोंक जिले के चर्चित ‘थप्पड़ कांड’ से सुर्खियों में आए नरेश मीणा एक बार फिर विवादों में हैं। हाल ही में जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद, नरेश मीणा ने सवाई माधोपुर के डिप्टी एसपी उदय मीणा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने डीएसपी उदय मीणा पर निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने, थाने में मारपीट करने, और अवैध रूप से पैसे वसूलने का सनसनीखेज इल्जाम लगाया है। नरेश ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से उदय मीणा की जांच की मांग की है, जिससे सवाई माधोपुर में हड़कंप मच गया है।

नरेश मीणा का डीएसपी पर हमला

नरेश मीणा, जो 2024 के देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में चर्चा में आए थे, ने अब सवाई माधोपुर के डीएसपी उदय मीणा को निशाने पर लिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि उदय मीणा उनके छात्रावास का जूनियर था और अब वह सवाई माधोपुर में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात है, जो बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा की विधानसभा सीट है। नरेश ने आरोप लगाया कि उदय मीणा निर्दोष लोगों को थाने में बुलाकर उनकी पिटाई करते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं, न कि इसलिए कि उन्होंने कोई अपराध किया है।

नरेश मीणा ने कहा, “उदय मीणा मेरे छात्रावास का जूनियर छात्र था। जिस दिन सवाई माधोपुर जाऊंगा और उससे आमना-सामना होगा, मैं उसे बता दूंगा कि नौकरी कैसे की जाती है। थाने में निर्दोष लोगों को मारते हैं, उल्टा लटका देते हैं, सिर्फ इसलिए कि उनसे पैसा लेना है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर उदय मीणा के खिलाफ तत्काल छापेमारी की जाए, तो उनकी कथित अवैध कमाई का खुलासा हो सकता है।

“महीने के करोड़ों कमा रहा डीएसपी”

नरेश मीणा ने अपने आरोपों को और सनसनीखेज बनाते हुए कहा, “मैं मीडिया के सामने खुलकर कह रहा हूं। एसीपी जी और मुख्यमंत्री जी सुनें। अगर आज उदय मीणा पर छापा पड़ जाए, तो पता चल जाएगा कि वह महीने के करोड़ों रुपये कमा रहा है। निर्दोष लोगों को उनके घरों से उठाया जा रहा है। मेरे चुनाव में कौन गया, यह पूछ रहा है। कोई नेता का आदेश होगा।” नरेश ने यह भी सवाल उठाया कि क्या उदय मीणा किसी बड़े नेता के इशारे पर काम कर रहे हैं, जिसके चलते वे निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं।

जांच की मांग और राजनीतिक पृष्ठभूमि

नरेश मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से डीएसपी उदय मीणा के खिलाफ तत्काल जांच शुरू करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि उदय मीणा की कथित अवैध गतिविधियां सवाई माधोपुर में आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है, क्योंकि सवाई माधोपुर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ माना जाता है। नरेश मीणा के इन आरोपों ने स्थानीय राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है।

नरेश मीणा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब वे हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान का बहिष्कार करने वाले ग्रामीणों के समर्थन में नरेश ने एसडीएम अमित चौधरी पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद हिंसा और आगजनी हुई थी, जिसके चलते नरेश को गिरफ्तार किया गया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में उनकी जमानत याचिका स्वीकार की, जिसके बाद वे 8 महीने बाद जेल से बाहर आए।

सोशल मीडिया पर हंगामा

नरेश मीणा के इन ताजा आरोपों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। X पर कुछ यूजर्स ने उनके बयानों का समर्थन करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “नरेश मीणा ने सिस्टम की पोल खोल दी। अगर डीएसपी वाकई निर्दोषों को परेशान कर रहा है, तो जांच होनी चाहिए।” हालांकि, कुछ लोगों ने नरेश के बयानों को राजनीतिक स्टंट करार दिया और इसे सवाई माधोपुर में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश बताया। चूंकि ये आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं, इसलिए इन्हें लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है, और पुलिस से निष्पक्ष जांच की अपेक्षा की जा रही है।

पुलिस और प्रशासन की चुप्पी

अब तक सवाई माधोपुर पुलिस या डीएसपी उदय मीणा की ओर से नरेश मीणा के आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी इस मामले की पड़ताल कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है। यह देखना बाकी है कि क्या नरेश मीणा के आरोपों के आधार पर औपचारिक जांच शुरू होगी या यह मामला केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा।

नरेश मीणा का विवादों से नाता

नरेश मीणा का यह पहला विवाद नहीं है। 2024 के उपचुनाव में एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना ने उन्हें पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बना दिया था। समरावता गांव के ग्रामीणों ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए थे, और उनके समर्थकों ने उन्हें एक नायक के रूप में पेश किया था। जेल से रिहा होने के बाद नरेश ने खाटूश्यामजी मंदिर में दर्शन किए और अपनी गलती पर अफसोस जताया था, लेकिन अब डीएसपी उदय मीणा पर उनके ताजा आरोपों ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

नरेश मीणा के आरोप सवाई माधोपुर की स्थानीय राजनीति में तनाव पैदा कर सकते हैं, खासकर क्योंकि यह क्षेत्र बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ है। अगर ये आरोप सही पाए गए, तो यह पुलिस प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठाएगा। दूसरी ओर, अगर ये आरोप निराधार साबित हुए, तो नरेश मीणा की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के सार्वजनिक आरोपों से पहले ठोस सबूत पेश किए जाने चाहिए, ताकि अनावश्यक विवादों से बचा जा सके।