राजस्थान विधानसभा मानसून सत्र: कानून व्यवस्था और खाद की कमी पर गरमाई राजनीति

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राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ, लेकिन सत्र से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधायक आवास से विधानसभा परिसर तक नारेबाजी के साथ मार्च निकाला। तख्तियों और बैनरों पर सरकार की नाकामी को उजागर करने वाले नारे लिखे थे। प्रदर्शन के दौरान विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच पोस्टर लेकर प्रवेश को लेकर तनाव भी देखने को मिला, जिसके बावजूद विधायक पोस्टरों के साथ सदन में दाखिल हुए। मंत्री जोगाराम पटेल ने इसे नौटंकी करार दिया।

कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का आक्रोश

प्रदर्शन में टीकाराम जूली, शांति धारीवाल और रफीक खान समेत कई विधायकों ने हिस्सा लिया। शांति धारीवाल ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिससे अपराध बढ़ रहे हैं। धारीवाल ने दावा किया कि कांग्रेस शासन में हर शिकायत पर त्वरित एफआईआर दर्ज होती थी, लेकिन अब थानों में लोगों को अनदेखा किया जा रहा है।

सत्र की शुरुआत और विधायी कार्य

सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसमें 24 तारांकित और 25 अतारांकित सवाल शामिल थे। ये सवाल कृषि, उद्योग, शिक्षा, सामाजिक न्याय, जनजाति विकास, राजस्व, सहकारिता और ऊर्जा विभागों से संबंधित थे। विधायी कार्य के तहत दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए: राजस्थान मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक 2025 और राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025, जिन्हें प्रभारी मंत्रियों ने सदन में रखा।

यूरिया-डीएपी कमी पर हंगामा

टीकाराम जूली ने नकली यूरिया और डीएपी की कमी का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि नकली खाद मामले में कितने लोग जेल गए और सरकार ने क्या कार्रवाई की। जवाब में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि सरकार ने 117 औचक निरीक्षण किए, 64 एफआईआर दर्ज कीं और 423 नमूने एकत्रित किए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासन में ऐसी कार्रवाई नहीं हुई। मीणा ने आश्वासन दिया कि राजस्थान में यूरिया और डीएपी की कोई कमी नहीं है, और मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर आपूर्ति सुनिश्चित की है।

रीको औद्योगिक क्षेत्र की चिंता

विधायक गुरवीर सिंह ने रीको औद्योगिक क्षेत्र में गैर-औद्योगिक उपयोग का मुद्दा उठाया। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने जवाब में कहा कि रीको के पास दो तरह की जमीनें हैं—स्वयं विकसित और हस्तांतरित। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में 15 प्रतिशत गैर-औद्योगिक उपयोग की अनुमति है। राठौड़ ने घोषणा की कि नया एक्ट जल्द लाया जाएगा, जो प्रवर समिति के पास है और इससे सभी समस्याएं सुलझेंगी।