जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने के फैसले के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल जयपुर के शहीद स्मारक पहुंचे। यहां 127 दिनों से धरने पर बैठे युवाओं ने इस फैसले का जश्न मनाया, जिसमें बेनीवाल भी उत्साह के साथ शामिल हुए। इस दौरान NDTV पर उनकी और बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के बीच हुई तीखी बहस ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। बेनीवाल ने मीणा के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां कीं और बीजेपी-कांग्रेस की मिलीभगत का आरोप लगाया।
शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे युवाओं ने हाईकोर्ट के फैसले को अपनी जीत बताया। यह धरना पिछले 127 दिनों से SI भर्ती 2021 को रद्द करने और पेपर लीक घोटाले की जांच की मांग को लेकर चल रहा था। बेनीवाल ने युवाओं के साथ इस जीत का उत्सव मनाते हुए कहा कि यह आंदोलन न केवल भर्ती रद्द करने तक सीमित था, बल्कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “अगर फैसला हमारे खिलाफ होता, तो हम दिल्ली कूच करते और आंदोलन को और तेज करते।”
NDTV पर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के साथ हुई बहस के बाद बेनीवाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में तल्ख अंदाज में कहा, “किरोड़ीलाल मीणा जिस तू-तड़ाक की भाषा में बात करना चाहते हैं, मैं उसे बर्दाश्त नहीं करता। अगर वह फोन पर नहीं, बल्कि आमने-सामने होते, तो बात और होती।” उन्होंने मीणा पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए कहा, “डॉक्टर साहब फ्रस्ट्रेटेड हैं और रोज 15 टैबलेट खाते हैं।”
मीणा द्वारा लगाए गए ‘नोट के बदले वोट’ के आरोप पर बेनीवाल ने पलटवार करते हुए कहा, “ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। किरोड़ीलाल अपनी ही कौम को गाली देते हैं और किसी के नहीं हैं।” उन्होंने नरेश मीणा के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि किरोड़ीलाल ने ही उसे दोबारा जेल भिजवाया और समरावता गांव में लोगों को पिटवाया। बेनीवाल ने मीणा को खुली चुनौती देते हुए कहा, “वह एक भी कांग्रेस नेता को पकड़वाकर दिखाएं, जिन पर उन्होंने आरोप लगाए थे।”
बेनीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सत्ता के संरक्षण में पेपर लीक का खेल हुआ। बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले इस घोटाले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह भी कांग्रेस के रास्ते पर चल पड़ी। बेनीवाल ने कहा, “बीजेपी ने पर्दे के पीछे बैठे गुनहगारों को बचाने की कोशिश की, जिससे साफ हो गया कि दोनों पार्टियां राजस्थान के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही हैं।”
बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल SI भर्ती रद्द करने तक सीमित नहीं था। उन्होंने मांग की कि पेपर लीक घोटाले में शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा, “हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक इस घोटाले के सभी गुनहगार सजा नहीं पा लेते।” बेनीवाल ने यह भी कहा कि किरोड़ीलाल मीणा को कोई गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि उनके पास “न तो पार्टी बनाने का दम है और न ही लड़ने की हिम्मत।”
हनुमान बेनीवाल ने शहीद स्मारक पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह जीत उनकी मेहनत और एकजुटता का नतीजा है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भविष्य में भी अपने हक के लिए आवाज उठाते रहें। बेनीवाल ने यह भी कहा कि RLP राजस्थान के युवाओं और उनके भविष्य के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी, चाहे वह पेपर लीक जैसे घोटालों के खिलाफ हो या अन्याय के खिलाफ।
यह घटनाक्रम न केवल राजस्थान की सियासत में एक बड़ा मोड़ है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि युवाओं के मुद्दों पर बेनीवाल और उनकी पार्टी का आंदोलन कितना प्रभावशाली रहा है। हाईकोर्ट के इस फैसले ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है।
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