राजस्थान में पौधारोपण से नया रिकॉर्ड, 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य, जांच के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था

जयपुर : राजस्थान सरकार पौधारोपण के जरिए हरियाली को बढ़ावा देने में नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है। पिछले साल 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे, और इस साल 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हरियाली तीज के दिन 27 जुलाई को प्रदेश में एक दिन में ढाई करोड़ पौधे लगाकर नया रिकॉर्ड बनाया गया। अब तक 7 करोड़ 91 लाख पौधे रोपे जा चुके हैं। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि यह अभियान कागजों तक सीमित न रहे, इसके लिए तीन एजेंसियां पौधों का भौतिक सत्यापन करेंगी।

त्रि-स्तरीय मूल्यांकन पद्धति

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने चित्तौड़गढ़ दौरे के दौरान बताया कि पहली बार प्रदेश में कागजी पौधारोपण से बचने के लिए त्रि-स्तरीय मूल्यांकन शुरू किया गया है। तीन जांच एजेंसियां पौधों की जीवित रहने की दर और वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगी। इनमें भोपाल की इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, जयपुर की सेंटर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन एंड स्टडीज, और जोधपुर की एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट शामिल हैं। ये एजेंसियां 300 से अधिक साइटों का मूल्यांकन करेंगी।

खेजड़ी विवाद और अवैध खनन पर बयान

मंत्री ने खेजड़ी विवाद पर कहा कि मरुस्थल क्षेत्र में सोलर प्लांट के लिए ली गई जमीन किसानों से लीज पर ली जा रही है, और पौधों के नुकसान को कम करने का प्रयास जारी है। अवैध खनन पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वन क्षेत्रों में यह मिथक है, और जो खनन हो रहे हैं, वे राजस्व भूमि पर हैं। दुर्ग की तलहटी में वन क्षेत्रों के कब्जे पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया।

लवकुश वाटिकाओं की सुरक्षा

शर्मा ने कहा कि लवकुश वाटिकाओं का संचालन बेहतर करने और इन जमीनों को कब्जे से बचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। पौधारोपण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।