राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हंगामा मच गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर और विवादित आरोप लगाए हैं। डोटासरा ने दावा किया कि देवनानी जासूसी कैमरों के जरिए विपक्ष की महिला विधायकों की निगरानी करते हैं और इसका एक्सेस अपने रेस्ट रूम में रखते हैं। इस बयान ने सत्तारूढ़ बीजेपी को हमलावर बना दिया है, और नेताओं ने इसे कांग्रेस की हताशा और ओछी मानसिकता करार दिया है।
डोटासरा का बयान: क्या है पूरा मामला?
शनिवार को जयपुर में कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा में लगे कैमरों को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी कैमरों के जरिए विपक्ष की महिला विधायकों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं, जैसे कि वे कहां बैठती हैं, क्या बात करती हैं, और उनकी अवस्था क्या है। डोटासरा ने इसे संविधान और निजता का हनन बताते हुए कहा कि यह जासूसी बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री और आरएसएस के इशारे पर हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि एक बीजेपी विधायक ने विपक्ष के धरने को “कुकृत्य” करार दिया और महिला विधायकों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। डोटासरा ने ऐलान किया कि कांग्रेस की महिला विधायक जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले को उजागर करेंगी।
बीजेपी का पलटवार: “कांग्रेस की हताशा और ओछी सोच”
डोटासरा के बयान पर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इसे शर्मनाक और महिलाओं के प्रति कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता का सबूत बताया। उन्होंने कहा कि पहले भी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने “मर्दों का प्रदेश” कहकर महिलाओं का अपमान किया था, और अब डोटासरा का बयान उसी विकृत सोच को दर्शाता है। दिया कुमारी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर निराधार आरोप लगाना कांग्रेस की हताशा को दिखाता है।
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे इतने कुंठित हो गए हैं कि उन्हें सही-गलत का भान नहीं रहा। खर्रा ने डोटासरा के एक पुराने बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिला शिक्षिकाओं के झगड़ों से स्कूलों में प्रधानाचार्य को सिरदर्द की दवा लेनी पड़ती है।
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि डोटासरा पहले भी अपने बयानों से शर्मसार हो चुके हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि डोटासरा का बयान उनकी हताशा और गिरी हुई राजनीति को दर्शाता है।
विधानसभा में कैमरों का विवाद
डोटासरा का यह बयान विधानसभा में हिडन कैमरों के मुद्दे से जुड़ा है, जो पहले भी विवाद का कारण बन चुका है। विपक्ष का आरोप है कि इन कैमरों के जरिए उनकी जासूसी की जा रही है। डोटासरा ने दावा किया कि कैमरों का एक्सेस सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष के पास है, और इसका इस्तेमाल खासकर महिला विधायकों की निगरानी के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस की रणनीति: प्रेस कॉन्फ्रेंस और विरोध
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। उन्होंने ऐलान किया कि उनकी महिला विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी और विधानसभा अध्यक्ष के कथित जासूसी कृत्य को उजागर करेंगी। साथ ही, उन्होंने इसे संवैधानिक मर्यादाओं और निजता के अधिकार का हनन बताया।
बीजेपी का जवाब: नियम और गरिमा की बात
बीजेपी ने इस मामले को कांग्रेस की हताशा और विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश करार दिया। नेताओं का कहना है कि विधानसभा में कैमरे सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए लगाए गए हैं, और इनका दुरुपयोग नहीं हो रहा। बीजेपी ने डोटासरा के बयान को व्यक्तिगत हमला और संवैधानिक पद की अवमानना बताया।
सियासी माहौल गर्म, जनता की नजरें
यह विवाद राजस्थान की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर सकता है। डोटासरा के बयान ने जहां कांग्रेस को विपक्ष के रूप में आक्रामक रुख अपनाने का मौका दिया है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की हताशा और महिलाओं के प्रति गलत सोच का उदाहरण बता रही है। इस मामले में जनता की नजरें अब कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के अगले कदम पर टिकी हैं।
