राजस्थान

राजस्थान: रेयर अर्थ खनिजों में चीन की बादशाहत को चुनौती, बन सकता है वैश्विक आपूर्तिकर्ता

जयपुर | राजस्थान अकेले ही रेयर अर्थ खनिज (Rare Earth Elements – REE) उत्पादन में चीन की 90% वैश्विक बादशाहत को कम कर सकता है और अन्य देशों को आपूर्ति करने की क्षमता रखता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और एटॉमिक मिनरल्स निदेशालय (एएमडी) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में बालोतरा की सिवाना तहसील के भाटी खेड़ा क्षेत्र में इन दुर्लभ खनिजों के बड़े भंडार सामने आए हैं। वर्तमान में दुनिया के 90% रेयर अर्थ एलिमेंट्स का उत्पादन चीन में होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी, रक्षा, एयरोस्पेस और हाई-पावर मैगनेट जैसे क्षेत्रों में मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सर्वेक्षण और खनन की तैयारी

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जीएसआई और एएमडी बालोतरा और जालोर जिले में कई स्थानों पर सर्वेक्षण कार्य जारी रखे हुए हैं। विशेष रूप से, सिवाना तहसील के भाटी खेड़ा क्षेत्र में सर्वेक्षण लगभग पूरा हो चुका है, और जल्द ही इस क्षेत्र में खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार इन दुर्लभ खनिजों के लिए निजी कंपनियों या राज्य की सरकारी एजेंसियों को खनन लीज की नीलामी करती है। भाटी खेड़ा क्षेत्र में वाइल्डलाइफ सेंचुरी या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों का न होना इस प्रक्रिया को पर्यावरणीय या स्थानीय बाधाओं से मुक्त बनाता है, जिससे खनन की राह आसान मानी जा रही है।

देश का पहला हार्ड रॉक खनन ब्लॉक

बाड़मेर के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक डॉ. चंद्रप्रकाश दाधीच ने बताया कि भाटी खेड़ा ब्लॉक में हार्ड रॉक ग्रेनाइट में रेयर एलिमेंट्स के भंडार मौजूद हैं, जो देश का पहला ऐसा ब्लॉक होगा जहां हार्ड रॉक में इन दुर्लभ खनिजों का खनन होगा। आमतौर पर हार्ड रॉक में ये खनिज कम मात्रा में पाए जाते हैं, लेकिन जीएसआई के अधिकारियों के अनुसार, यहां जी2 लेवल सर्वे पूरा हो चुका है, जिससे रेयर एलिमेंट्स के बड़े भंडार की पुष्टि हो चुकी है। यह खनन तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकता है।

राजस्थान बनेगा रेयर अर्थ हब

रेयर अर्थ तत्व इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी, रक्षा क्षेत्र, हाई-पावर मैगनेट, एयरोस्पेस और अन्य उन्नत उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। बाड़मेर, बालोतरा और जालोर जैसे क्षेत्रों में रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए सर्वेक्षण चल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि खनिज भंडारों की खोज, सटीक मैपिंग, तकनीकी उन्नयन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है। यदि यह योजना सफल होती है, तो राजस्थान न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर रेयर अर्थ आपूर्ति में भी अहम भूमिका निभा सकता है।

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