बीकानेर आईजी दफ्तर पर बकरियों संग धरना: श्रीगंगानगर-डूंगरगढ़ वासियों का पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश

बीकानेर : राजस्थान के बीकानेर रेंज आईजी कार्यालय के बाहर आज एक अनोखा प्रतीकात्मक विरोध देखने को मिला, जब श्रीगंगानगर और श्रीडूंगरगढ़ के सैकड़ों ग्रामीणों ने बकरियों को साथ लेकर धरना दिया। यह प्रदर्शन स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और सामाजिक मुद्दों के प्रति उदासीनता के आरोपों के खिलाफ था। प्रदर्शनकारी बीकानेर रेंज आईजी हेमंत कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपने पहुंचे, लेकिन आधिकारिक स्तर पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह घटना क्षेत्रीय असंतोष की गहराई को उजागर कर रही है, जहां कृष्ण बावरी केस से जुड़े विवाद ने जनाक्रोश को भड़का दिया है।

प्रतीकात्मक विरोध की शुरुआत: बकरियां बनीं भ्रष्टाचार का प्रतीक

शाम करीब 4 बजे शुरू हुए धरने में प्रदर्शनकारियों ने बकरियों को विशेष रूप से साथ लाया, जो कृष्ण बावरी मामले में कथित पुलिस ठगी का प्रतीक था। श्रीगंगानगर के रायसिंहनगर और श्रीडूंगरगढ़ कस्बों से पहुंचे लोग आईजी दफ्तर के गेट पर बैठे और नारेबाजी की। उनका आरोप है कि पुलिस ने बावरी की बकरियों को जब्त कर निजी तौर पर बेचने की साजिश रची, जिससे गरीब किसान परिवार बर्बाद हो गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “ये बकरियां हमारी आजीविका हैं, और पुलिस ने इन्हें लूट लिया। अब हम इन्हें लेकर न्याय मांगने आए हैं।”

यह धरना 15 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर घोषित होने के बाद आयोजित हुआ। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन भारी पुलिस बल तैनात था। आईजी कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त करने से इनकार कर दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों में निराशा फैली।

प्रमुख मांगें: पुलिस सुधार से नशा-चोरी तक की लड़ाई

धरना श्रीगंगानगर और बीकानेर के ग्रामीण इलाकों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर केंद्रित था। मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

  • कृष्ण बावरी ठगी केस: आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्तगी और जांच।
  • झूठे मुकदमों का सफाया: श्रीडूंगरगढ़ के रेहड़ी-पटरी वालों के खिलाफ दर्ज फर्जी केस वापस लेना।
  • नशे पर सख्ती: मेडिकल दवाओं और चिट्टे जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान।
  • चोरी-डकैती का खुलासा: क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई।
  • सामाजिक न्याय: दलित-किसान समुदायों के खिलाफ पुलिस पक्षपात समाप्त करना।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि श्रीगंगानगर पुलिस भ्रष्टाचार के चंगुल में है, जो आम आदमी को न्याय से वंचित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन रेंज स्तर पर पुलिस सुधार की मांग को बल देगा।

प्रमुख नेता और संगठनों का संयुक्त संकल्प

धरने में विभिन्न संगठनों के नेताओं ने एकजुट होकर भाग लिया, जो क्षेत्रीय एकता का प्रतीक बना। प्रमुख चेहरे:

  • कॉमरेड श्योपत मेघवाल: किसान संघ के प्रखर नेता।
  • गिरधारीलाल महिया: श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक।
  • राजेंद्र भादू: सूरतगढ़ के पूर्व विधायक।
  • गुरमीत कंडियारा: विजयनगर प्रधान प्रतिनिधि।
  • शोभासिंह ढीलो: अनूपगढ़ से सामाजिक कार्यकर्ता।
  • मुकेश मोहनपुरिया: एसएफआई प्रदेश सचिव।
  • कालू थोरी: भूमि विकास बैंक रायसिंहनगर चेयरमैन।
  • सुनील भारतीय: भीम आर्मी प्रदेश महासचिव।
  • रघुवीर वर्मा: हनुमानगढ़ किसान नेता।

एसएफआई, भीम आर्मी, किसान संघ और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के संयुक्त तत्वावधान में हुआ यह प्रदर्शन ग्रामीण अस्मिता का प्रतीक बन गया। नेताओं ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज होगा।

कृष्ण बावरी केस का काला अध्याय: ठगी से उपजा आक्रोश

यह धरना कृष्ण बावरी मामले के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जहां श्रीगंगानगर पुलिस पर बकरियों की जब्ती के बाद अवैध बिक्री का आरोप है। बावरी परिवार का दावा है कि इससे उनकी आर्थिक कमर टूट गई। यह घटना न केवल पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ी कर रही है, बल्कि नशा तस्करी, फर्जी केस और चोरियों जैसे मुद्दों को जोड़कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर रही है। क्षेत्रीय मीडिया में यह मामला सुर्खियां बटोर रहा है, और सोशल मीडिया पर #JusticeForBawri ट्रेंड कर रहा है।

प्रदर्शन के बाद बीकानेर रेंज में तनाव की स्थिति बनी हुई है। आईजी कार्यालय की ओर से कोई बयान न आने से सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का संकल्प अटल है