राजस्थान में आगामी ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर जोरदार तैयारी चल रही है। राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव 15 अप्रैल 2026 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने होंगे। इसका उद्देश्य स्थानीय शासन व्यवस्था को सक्रिय करना और ग्रामीण जनता को बेहतर प्रतिनिधित्व देना है।
वर्तमान में राज्य की लगभग 6759 ग्राम पंचायतों और 55 नगरपालिकाओं का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लिहाजा चुनावी प्रक्रिया के लिए परिसीमन और तैयारियों का कार्य त्वरित गति से चल रहा है। उच्च न्यायालय ने चुनाव स्थगित करने या टालने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए पंचायत चुनाव अत्यंत आवश्यक हैं और इसकी कोई भी असमय देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरकार ने भी चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे परिसीमन कार्य समय रहते पूरा करें तथा चुनावी कार्यक्रम को पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ संचालित करें। चुनाव आयोग भी रेकॉर्ड अद्यतन, मतदाता सूची तैयार करने तथा शिक्षा एवं जागरूकता अभियानों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि मतदान में सहभागिता बढ़ सके।
ग्राम पंचायत चुनाव से जिलेवार ग्रामीण राजनीति में बदलाव की उम्मीद है तथा यह विकास कार्यों की गति को भी नया आयाम देगा। स्थानीय स्तर पर चुने गए प्रतिनिधि गांव के हितों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएंगे और ग्रामीणों की योजनाओं पहुंच को अधिक प्रभावी बनाएंगे।
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