राजस्थान सरकार की नई पहल: सौर ऊर्जा से 150 यूनिट मुफ्त बिजली, सीवरेज नीति में संशोधन और धर्म संपरिवर्तन विधेयक

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें सौर ऊर्जा के माध्यम से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 150 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने, शहरी क्षेत्रों में बेहतर सीवरेज व्यवस्था के लिए नीति में बदलाव, और राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 लाने जैसे कदम शामिल हैं।

पीएम सूर्यघर 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना

राज्य सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को ऊर्जा उत्पादक बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल शुरू की है। इस योजना के तहत, प्रधानमंत्री सूर्यघर 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना जल्द ही लागू होगी, जो देश में अपनी तरह की पहली महत्वाकांक्षी योजना है। इस पहल से प्रदेश के 1 करोड़ 4 लाख पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ होगा। अब उपभोक्ता सौर ऊर्जा के जरिए पहले की 100 यूनिट की बजाय 150 यूनिट मुफ्त बिजली हर महीने प्राप्त कर सकेंगे।

योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

  1. 150 यूनिट से अधिक औसत मासिक खपत वाले उपभोक्ता:
    मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना में पंजीकृत 27 लाख परिवार, जिनकी औसत मासिक खपत 150 यूनिट से अधिक है, उनके घरों की छत पर 1.1 किलोवाट क्षमता के मुफ्त सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत भारत सरकार से 33,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।
  2. 150 यूनिट से कम औसत मासिक खपत वाले उपभोक्ता:
    • प्रथम श्रेणी: 11 लाख लाभार्थी परिवार, जिनके पास अपनी छत पर सोलर पैनल लगाने की जगह उपलब्ध है, उनके लिए बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम्स) अपने चयनित वेंडर्स के माध्यम से 1.1 किलोवाट क्षमता के मुफ्त रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित करेंगी।
    • द्वितीय श्रेणी: जिन उपभोक्ताओं के पास छत उपलब्ध नहीं है, उनके लिए डिस्कॉम्स सामुदायिक सोलर संयंत्र स्थापित करेंगी। इन संयंत्रों से वर्चुअल नेट मीटरिंग के जरिए उपभोक्ताओं को हर महीने 150 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। इन सामुदायिक संयंत्रों की स्थापना का पूरा खर्च डिस्कॉम्स वहन करेंगी।

इस योजना से उन उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा, जिनके पास अपनी छत नहीं है, और यह सुनिश्चित करेगी कि हर पात्र परिवार को मुफ्त बिजली का लाभ मिले।

सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन

बैठक में प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में सुव्यवस्थित सीवरेज सिस्टम स्थापित करने के लिए सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस बदलाव का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। संशोधित नीति के तहत सीवरेज सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाएगा, ताकि अपशिष्ट जल का बेहतर प्रबंधन हो सके।

राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025

मंत्रिमंडल ने राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 लाने का निर्णय लिया है। इस विधेयक का उद्देश्य जबरन या धोखाधड़ी से होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकना है। यह कदम सामाजिक समरसता को बनाए रखने और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उठाया गया है।