जयपुर | राजस्थान सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को प्रोत्साहन देने के लिए एक अभूतपूर्व पहल शुरू की है। अब राज्य की सभी कृषि मंडियों में किसान संगठनों को अपनी उपज की खरीद-बिक्री के लिए विशेष रूप से निर्धारित स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम छोटे और सीमांत किसानों को बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
राज्य सरकार के इस फैसले के तहत, सभी मंडी समितियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यार्ड में FPOs के लिए एक विशेष प्लेटफॉर्म आवंटित करें। इस स्थान पर किसान संगठन अपनी उपज को संगठित और पारदर्शी तरीके से बेच सकेंगे। इससे न केवल बिचौलियों की भूमिका कम होगी, बल्कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी प्राप्त होगा। यह व्यवस्था मंडी में व्यापार को और अधिक सुगम बनाएगी, जिससे किसानों को समय पर भुगतान और बेहतर व्यापारिक अवसर मिल सकेंगे।
किसान उत्पादक संगठन छोटे और सीमांत किसानों को एकजुट करके उनकी सामूहिक ताकत को बढ़ाते हैं। इस पहल के जरिए सरकार का लक्ष्य इन संगठनों को सशक्त बनाना और उन्हें सीधे खरीदारों व उपभोक्ताओं से जोड़ना है। मंडी में विशेष स्थान मिलने से FPOs को स्थानीय और क्षेत्रीय बाजारों तक आसान पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी उपज की बिक्री में वृद्धि होगी। साथ ही, यह कदम जैविक खेती और ‘राज किसान जैविक’ मोबाइल ऐप जैसे नवाचारों को भी बढ़ावा देगा, जो हाल ही में राज्य में लॉन्च किया गया है।
यह पहल केंद्र सरकार के ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अनुरूप है, जिसे मई 2025 में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था। राजस्थान सरकार ने भी कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें 617 एग्रो प्रोजेक्ट्स के लिए 1255 करोड़ रुपये का निवेश और डिजिटल तकनीकों का उपयोग शामिल है। मंडी में FPOs को स्थान उपलब्ध कराने का निर्णय इन प्रयासों का एक हिस्सा है, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने पर केंद्रित है।
कृषि विशेषज्ञों और किसान नेताओं ने इस निर्णय को सराहा है। उनका मानना है कि यह कदम छोटे किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। एक किसान नेता ने कहा, “मंडी में विशेष स्थान मिलने से हमारे संगठन को अपनी उपज बेचने में आसानी होगी और हमें बेहतर दाम मिल सकेंगे।” सोशल मीडिया पर भी इस पहल की चर्चा जोरों पर है, जहां इसे किसान हितैषी नीति के रूप में देखा जा रहा है।
इस योजना को लागू करने के लिए मंडी समितियों को प्रशासनिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह व्यवस्था जल्द से जल्द लागू हो, ताकि किसान संगठन इसका लाभ उठा सकें। यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि राजस्थान के कृषि क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी और आधुनिक बनाएगा।
निष्कर्ष: राजस्थान सरकार का यह निर्णय किसानों को सशक्त बनाने और उनकी उपज को बाजार तक पहुंचाने की दिशा में एक दूरगामी कदम है। मंडी यार्ड में विशेष स्थान की व्यवस्था से FPOs को नई ताकत मिलेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और किसानों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
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