डूंगरगढ़ : बीकानेर जिले के डूंगरगढ़ में 27 साल पहले हुई एक भयावह हत्या की घटना को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। स्थानीय अदालत ने इस मामले में दो व्यक्तियों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए गए एक पूरे परिवार को आजीवन कारावास की सजा दी है। यह फैसला क्षेत्र में सनसनी फैला गया है, जहां इस पुराने अपराध की यादें अब भी लोगों के दिलो-दिमाग में हैं।
घटना की जड़ें
यह मामला 1998 का है, जब डूंगरगढ़ के एक गांव में दो भाई खेत में सो रहे थे। रात के सन्नाटे में एक परिवार ने कथित तौर पर जमीन विवाद के चलते उन पर जानलेवा हमला किया, जिसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। शुरुआती जांच में अपराधियों की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन हाल के सालों में मिले नए साक्ष्यों और गवाहों के बयानों ने इस मामले को फिर से जिंदा किया। जांच में सामने आया कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश का परिणाम थी।
कोर्ट का निर्णय
लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में एक परिवार के चार सदस्यों—पिता, दो बेटों, और एक करीबी रिश्तेदार—को दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने कहा कि यह हत्या बेहद क्रूर और सुनियोजित थी, जिसने सामाजिक शांति को गहरी चोट पहुंचाई। सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, और अब वे जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
प्रभाव और प्रतिक्रिया
इस फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे इंतजार के बाद इंसाफ मिला है, जिन्होंने दशकों तक न्याय की आस लगाए रखी। हालांकि, दोषी परिवार के रिश्तेदारों में शोक और अविश्वास का माहौल है। गांव में यह घटना पुराने विवादों को फिर से हवा दे रही है, जिससे स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है।