कोटा | राजस्थान के कोटा में मॉनसूनी बारिश ने विकराल रूप ले लिया है, जिसने शहर को जलमग्न कर दिया और कई जिंदगियों को खतरे में डाल दिया। चंबल नदी में आए उफान ने सुल्तानपुर के निमोद हरिजी गांव में 7 लोगों को अपनी चपेट में लिया, जिनमें से 6 तेज बहाव में बह गए और उनका कोई सुराग नहीं मिला। वहीं, रानपुर इलाके में एक कॉलेज छात्रा सौम्या पाल स्कूटी सहित पानी के सैलाब में बह गई, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई। प्रशासन और SDRF की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन तेज बहाव और जलभराव ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं।
स्थानीय लोगों ने बारिश और बाढ़ प्रबंधन में प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल निकासी और बाढ़ रोकथाम के लिए पहले से बेहतर इंतजाम किए गए होते, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी। कुछ लोगों ने कोटा में कोचिंग हब के आसपास जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से हल करने की मांग की है।
कोटा में बारिश और चंबल के उफान ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ और जलभराव से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
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