कोटा में मॉनसून का तांडव: चंबल के उफान में बहे 6 लोग, छात्रा की स्कूटी सहित दर्दनाक मौत

कोटा | राजस्थान के कोटा में मॉनसूनी बारिश ने विकराल रूप ले लिया है, जिसने शहर को जलमग्न कर दिया और कई जिंदगियों को खतरे में डाल दिया। चंबल नदी में आए उफान ने सुल्तानपुर के निमोद हरिजी गांव में 7 लोगों को अपनी चपेट में लिया, जिनमें से 6 तेज बहाव में बह गए और उनका कोई सुराग नहीं मिला। वहीं, रानपुर इलाके में एक कॉलेज छात्रा सौम्या पाल स्कूटी सहित पानी के सैलाब में बह गई, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई। प्रशासन और SDRF की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन तेज बहाव और जलभराव ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं।

रानपुर में हादसा: छात्रा की मौत

  • क्या हुआ?: कोटा के रानपुर इलाके में भारी बारिश के बाद सड़कों पर पानी का तेज बहाव शुरू हो गया। रेलवे कॉलोनी की रहने वाली सौम्या पाल, जो महर्षि अरविंद शिक्षण संस्थान में पढ़ती थी, स्कूटी चलाते समय पानी के सैलाब में फंस गई और बह गई। SDRF ने उसे अचेत हालत में निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
  • इलाके की स्थिति: रानपुर में कई कोचिंग संस्थान और हॉस्टल हैं, जहां जलभराव ने हालात बदतर कर दिए। कैंपस और आसपास की सड़कों पर 2-3 फीट पानी जमा है, जिससे आवागमन ठप हो गया।

चंबल नदी का कहर: 6 लोग लापता

  • निमोद हरिजी की त्रासदी: सुल्तानपुर के पास निमोद हरिजी गांव में चंबल नदी के तेज बहाव में 7 लोग फंस गए। इनमें से 6 लोग पानी में बह गए, और उनका अभी तक कोई पता नहीं चल सका। एक व्यक्ति चट्टान पर फंसा हुआ है, जिसे बचाने के लिए ग्रामीण हेलीकॉप्टर रेस्क्यू की मांग कर रहे हैं।
  • रेस्क्यू में चुनौतियां: तेज बहाव के कारण SDRF और पुलिस टीमें फंसे व्यक्ति तक पहुंचने में असमर्थ हैं। सुल्तानपुर थाना पुलिस और जिला प्रशासन मौके पर मौजूद है, लेकिन बचाव कार्यों में मौसम और नदी की उग्रता बाधा बन रही है।

बारिश ने मचाई तबाही

  • चंबल का उफान: कोटा बैराज से 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, और चंबल की छोटी पुलिया पर यातायात बंद कर दिया गया है।
  • जलभराव का संकट: कोटा के केशवपुरा, बालाकुंड, और अन्य इलाकों में सड़कों पर पानी जमा होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। खातोली में 24 घंटे में 198 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन में सबसे ज्यादा है।

प्रशासन का राहत अभियान

  • SDRF और नगर निगम की कोशिशें: SDRF ने अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। नगर निगम की टीमें जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालने और बुनियादी सुविधाएं बहाल करने में जुटी हैं।
  • हाई अलर्ट: जिला प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। हेलीकॉप्टर रेस्क्यू की मांग पर विचार किया जा रहा है।

जनता का आक्रोश और मांग

स्थानीय लोगों ने बारिश और बाढ़ प्रबंधन में प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल निकासी और बाढ़ रोकथाम के लिए पहले से बेहतर इंतजाम किए गए होते, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी। कुछ लोगों ने कोटा में कोचिंग हब के आसपास जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से हल करने की मांग की है।

यह एक चेतावनी

कोटा में बारिश और चंबल के उफान ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन की खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ और जलभराव से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।