जयपुर | राजस्थान में भू-माफियाओं द्वारा आम जनता की जमीनों पर कब्जे की बढ़ती घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक जनसुनवाई के दौरान विधायक ने तल्ख तेवर अपनाते हुए पुलिस पर भू-माफियाओं का साथ देने और पीड़ितों को डराने-धमकाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की हरकतें कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और आम जनता के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
विधायक ने बताया कि जनसुनवाई का आयोजन विशेष रूप से इसलिए किया गया, क्योंकि क्षेत्र में जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। छोटे किसानों, गरीब परिवारों और मध्यम वर्ग के लोगों की जमीनों को भू-माफिया निशाना बना रहे हैं। कई मामलों में पीड़ितों ने दावा किया कि उनकी पुश्तैनी जमीनों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है, और शिकायत करने पर उन्हें धमकियां मिल रही हैं। विधायक ने कहा, “लोगों की जमीन उनकी आजीविका और सम्मान का आधार है। इसे छीनने की कोशिश न केवल अन्याय है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक अपराध भी है।”
जनसुनवाई के दौरान विधायक ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित जब अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचते हैं, तो उनकी सुनवाई के बजाय उन्हें डराया-धमकाया जाता है। विधायक ने कहा, “पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है, लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है। कुछ पुलिसकर्मी भू-माफियाओं के साथ मिलकर पीड़ितों का उत्पीड़न कर रहे हैं। यह स्थिति अस्वीकारीय है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया, तो इस मुद्दे को विधानसभा और उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा।
हाल के वर्षों में राजस्थान के कई हिस्सों, खासकर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भू-माफियाओं की गतिविधियां बढ़ी हैं। रियल एस्टेट के बढ़ते दामों और अवैध निर्माण की मांग ने इन माफियाओं को और सक्रिय कर दिया है। कई मामलों में, भू-माफिया नकली दस्तावेजों और गुंडागर्दी के बल पर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण उनकी शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं।
विधायक ने जनसुनवाई में मौजूद लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। कोई भी कितना ही रसूखदार क्यों न हो, उसे कानून से ऊपर नहीं होने दिया जाएगा।” इसके लिए विधायक ने एक विशेष समिति गठन करने की बात कही, जो जमीन कब्जे की शिकायतों की जांच करेगी और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाएगी। साथ ही, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेताया कि भू-माफियाओं से किसी भी तरह की सांठगांठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनसुनवाई में बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने विधायक के रुख का समर्थन किया। कई पीड़ितों ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि उनकी जमीनों पर कब्जे के बाद न तो पुलिस ने उनकी मदद की और न ही स्थानीय प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया। लोगों ने मांग की कि सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करे और जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल कर पारदर्शिता सुनिश्चित करे।
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