भरतपुर – राजस्थान के श्री जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज (SNJP) में एक और दिल दहला देने वाली घटना। तृतीय वर्ष के MBBS छात्र डॉ. अविरल सैनी (20) ने शुक्रवार सुबह हॉस्टल के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परीक्षा के ठीक पहले का तनाव और डिप्रेशन मुख्य वजह बताई जा रही है। यह मामला कोटा-भरतपुर जैसे मेडिकल हब्स में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट की कड़ी याद दिलाता है। कॉलेज प्रशासन ने काउंसलिंग बढ़ाने का ऐलान किया, जबकि पुलिस जांच में जुट गई है।
घटना का पूरा क्रम: सुबह 8:30 बजे का खौफनाक मंजर
अविरल 2022 बैच के स्टूडेंट थे और CGI हॉस्टल (कॉलेज के ठीक सामने) में अकेले रहते थे। आज उनका PSM (सामाजिक और निवारक चिकित्सा) का महत्वपूर्ण पेपर था, लेकिन वे परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचे।
- सुबह 8 बजे: सहपाठी और सीनियर डॉक्टरों को चिंता हुई, हॉस्टल पहुंचे।
- दरवाजा खटखटाया: कोई जवाब नहीं।
- खिड़की से झांका: अविरल पंखे से लटके हुए।
- तुरंत एक्शन: साथियों ने दरवाजा तोड़ा, नीचे उतारा और आरबीएम अस्पताल ले गए।
- घोषणा: डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
अविरल मूल रूप से भरतपुर जिले के ही रहने वाले थे। माता-पिता को तुरंत सूचना दी गई, जो सदमे में हैं।
वजह: परीक्षा का बोझ, अकेलापन और डिप्रेशन
- परीक्षा दबाव: PSM जैसे प्रैक्टिकल सब्जेक्ट का पेपर, लगातार खराब परफॉर्मेंस की चिंता।
- परिवार का बयान: “पिछले कुछ दिनों से बहुत तनाव में था, अकेले रहता था, बात कम करता था।”
- हॉस्टल वार्डन: “डिप्रेशन के लक्षण थे, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।”
- पुलिस इनपुट: मोबाइल चैट्स, नोट्स और डायरी की जांच जारी। कोई बाहरी दबाव नहीं, सिर्फ पढ़ाई का तनाव।
यह 2022 की घटना से मिलता-जुलता है, जब फाइनल ईयर स्टूडेंट सूरेंद्र गुर्जर ने पैडियाट्रिक्स पेपर बीच में छोड़कर शॉल से फंदा लगाया था।
पुलिस एक्शन और कानूनी प्रक्रिया
| स्टेप | डिटेल्स |
|---|---|
| थाना | सेवर पुलिस स्टेशन |
| केस | BNS धारा 194 (असामान्य मृत्यु) |
| शव | पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, रिपोर्ट का इंतजार |
| साक्ष्य | मोबाइल, नोटबुक्स, चैट हिस्ट्री की फॉरेंसिक जांच |
| प्रभारी का बयान | सतीश चंद शर्मा: “परिवार के बयान दर्ज, कोई संदिग्ध एंगल नहीं, लेकिन पूरी जांच” |
बड़ा सवाल: मेडिकल स्टूडेंट्स क्यों टूट रहे?
- राजस्थान में ट्रेंड: कोटा में हाल ही प्राची मीणा का केस, भरतपुर में 2022 का सूरेंद्र गुर्जर।
- मुख्य कारण:
- NEET की कटथ्रोट कॉम्पिटिशन
- हॉस्टल में अकेलापन
- 18-20 घंटे पढ़ाई का दबाव
- भविष्य की अनिश्चितता
- कॉलेज रिस्पॉन्स: तत्काल काउंसलिंग सेशन शुरू, मेंटरशिप प्रोग्राम की घोषणा।
हेल्पलाइन नंबर (24×7)
- वंद्रेवाला फाउंडेशन: 9999666555
- TISS iCall: 022-25521111
- राजस्थान हेल्थ हेल्पलाइन: 104
सलाह: “अगर तनाव हो, तो चुप न रहें। परिवार, दोस्त या काउंसलर से बात करें। एक पेपर जिंदगी से बड़ा नहीं।”
मेडिकल कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन ने सभी हॉस्टलों में नोटिस चस्पा किए हैं। अविरल के साथी शोक में डूबे हैं, जबकि कॉलेज में क्लासेस स्थगित कर दी गईं।
