शहीद राजेंद्र बगड़िया: सीकर के वीर सपूत ने देश सेवा में दी जान, तिरंगा रैली के साथ होगी अंतिम विदाई

सीकर जिले के नागवा गांव के लाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान राजेंद्र बगड़िया जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। पहाड़ी इलाके में पैर फिसलने से हुए हादसे में उन्होंने अपनी जान गंवा दी। उनकी शहादत की खबर से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

जम्मू-कश्मीर में हुआ दुखद हादसा

राजेंद्र बगड़िया जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के गंडोह क्षेत्र में तैनात थे। रविवार सुबह ड्यूटी के दौरान एक पहाड़ी इलाके में उनका पैर फिसल गया, जिसके कारण वे नीचे गिर गए। इस हादसे में उनकी असमय मृत्यु हो गई। 2012 में एसएसबी में भर्ती हुए राजेंद्र ने हमेशा देश सेवा में समर्पण और बहादुरी का परिचय दिया। उनकी शहादत की खबर सुनकर परिवार और गांववाले सदमे में हैं।

तिरंगा रैली के साथ अंतिम विदाई

शहीद राजेंद्र की पार्थिव देह रविवार सुबह उनके पैतृक गांव नागवा पहुंचेगी। गांव में उनके सम्मान में एक तिरंगा रैली निकाली जाएगी, जिसमें ग्रामीण और स्थानीय लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह पल नागवा गांव के लिए गर्व और दुख का मिश्रण होगा, क्योंकि वे अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देंगे।

परिवार और गांव में मातम

राजेंद्र के पिता रामनिवास बगड़िया गांव में खेती करते हैं, जबकि उनकी मां भंवरी देवी गृहणी हैं। उनका छोटा भाई नरेंद्र विदेश में नौकरी करता है। राजेंद्र के पीछे उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा छूट गया है। परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है। उनकी शहादत की खबर से पूरे नागवा गांव में मातम छा गया है। ग्रामीण अपने इस वीर सपूत की शहादत पर गर्व महसूस करते हुए भी गहरे दुख में डूबे हैं।

निष्कर्ष