राजस्थान

कतरियासर जसनाथ मंदिर चोरी: थालियां बजाकर ग्रामीणों का धरना 12वें दिन, छत्र बरामदगी की मांग तेज

बीकानेर : राजस्थान के बीकानेर जिले के कतरियासर गांव में स्थित श्री देव जसनाथ जी महाराज मंदिर की पवित्रता पर चोट पहुंचाने वाली चोरी की घटना को ढाई साल बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस का हाथ खाली है। आक्रोशित जसनाथी अनुयायियों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में थालियां बजाकर अनोखा विरोध दर्ज किया, जो अब 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है। ‘थाली बजाओ अभियान’ के तहत सुबह 11 बजे सैकड़ों ग्रामीणों ने नारेबाजी की, मांग दोहराई कि चांदी के छत्रों की बरामदगी और चोरों की गिरफ्तारी हो।

रातोंरात लूट: आस्था का अपमान, 45 लाख का माल गायब

17 अप्रैल 2023 की रात अज्ञात चोरों ने जसनाथ जी के समाधि स्थल पर लगे चांदी के प्रमुख छत्र (करीब 40 किलोग्राम, मूल्य 28 लाख रुपये) के साथ छोटे छत्रों (5.5 किलोग्राम), सोने-चांदी के आभूषण (6 लाख रुपये) और नकदी (2.5 लाख रुपये) लूट लिए। कुल चोरी का अनुमान 45 लाख से अधिक है। मुख्य द्वार तोड़कर घुसे चोरों ने मूर्ति को हाथ नहीं लगाया, लेकिन भक्तों की आस्था के प्रतीक छत्रों को निशाना बनाया। जामसर थाने में तुरंत FIR दर्ज हुई, और सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध था, फिर भी जांच ठंडी पड़ गई।

मंदिर जसनाथी समुदाय का प्रमुख धाम है, जहां सालाना हजारों भक्त आते हैं। चोरी को समुदाय अपवित्रता मानता है, जिससे आस्था में सेंध लगी। स्थानीय भक्तों का कहना है, “छत्र भगवान की अमानत थे, इन्हें चुराना हमारी संस्कृति पर हमला है।” घटना के बाद मंदिर बंद रहा, और भक्तों में गुस्सा भड़क उठा।

धरने का सफर: ज्ञापन से थाली बजाओ तक

आंदोलन की नींव 7 अक्टूबर को पड़ी, जब स्थानीय निवासी अजय ज्याणी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू हुआ। 16 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर ‘थाली बजाओ अभियान’ की घोषणा हुई, जो 17 को धरातल पर उतरा। थालियों की गूंज के बीच ‘छत्र वापस लाओ, चोरों को सलाखों के पीछे’ के नारे लगे। प्रदर्शनकारी बोले, “प्रशासन सो रहा है, थालियां बजाकर जगाएंगे।”

यदि मांगें न मानी गईं, तो पांचों जसनाथ धामों से पैदल यात्रा और मोबाइल धरना शुरू करने की चेतावनी दी। धरने में प्रमुख चेहरे: भंवरलाल कूकना, भागीरथ ज्याणी, राजेश गोदारा, हरिराम खीचड़, शिवदान मेघवाल, श्यामसुंदर पानेचा, अशोकनाथ, राजेश कूकना, मोतीलाल, चेननाथ सिद्ध, कमल गाट, श्रीभगवान भादू, नारायणनाथ और वरुण सहू। युवा कांग्रेस नेता भंवर कूकना ने समर्थन जताते हुए कहा, “यह सिर्फ चोरी का मामला नहीं, आस्था का सवाल है।”

पुलिस-प्रशासन पर सवाल: लापरवाही या दबाव?

ढाई साल में न आरोपी पकड़े गए, न सामान बरामद। जामसर थाना प्रभारी ने शुरुआत में चोरों को ‘बाहरी’ बताया था, लेकिन प्रगति शून्य। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि धार्मिक संवेदनशीलता के नाम पर मामला दबाया जा रहा। कलेक्टर ने धरना शुरू होने पर आश्वासन दिया था, लेकिन थाली बजाने के बाद भी चुप्पी। एसपी कार्यालय के बाहर भारी फोर्स तैनात रही, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो आंदोलन को हवा दे रहे।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “सीसीटीवी था, फिर भी फरार? क्या ऊपर से दबाव है?” प्रशासन ने जांच तेज करने का मौखिक वादा किया, लेकिन लिखित कार्रवाई का इंतजार।

आस्था पर प्रहार, आंदोलन का विस्तार

यह चोरी जसनाथी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है, जहां छत्र पवित्र प्रतीक हैं। कतरियासर बीकानेर से 45 किमी दूर जूनागढ़ किले के पास स्थित, लोकदेवता जसनाथ जी का जन्मस्थान माना जाता है। आंदोलन यदि फैला, तो पूरे जिले में हलचल मच सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में त्वरित जांच जरूरी, वरना आस्था का विश्वास डगमगाता है।

ग्रामीणों का संकल्प पक्का है – न्याय मिलेगा या आंदोलन तेज होगा।

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