जैसलमेर | राजस्थान के जैसलमेर में एक छतरी (स्मारक) को लेकर उपजा विवाद सुर्खियों में है। इस मामले में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि सामाजिक अस्मिता पर हमला करने वाले अराजक तत्वों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, “पत्थरबाजी तो क्या, एक कंकड़ भी हमारी संस्कृति और अस्मिता पर हमला है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”* इस घटना ने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव पैदा कर दिया है, और शेखावत का बयान इसे और गंभीर बना रहा है।
जैसलमेर में छतरी, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है, को लेकर हाल ही में विवाद शुरू हुआ। ये स्मारक अक्सर योद्धाओं या महत्वपूर्ण व्यक्तियों की स्मृति में बनाए जाते हैं और स्थानीय समुदायों के लिए गहरे भावनात्मक महत्व रखते हैं। इस मामले में, एक समुदाय द्वारा छतरी के साथ कथित छेड़छाड़ या पत्थरबाजी की घटना ने तनाव को जन्म दिया। हालांकि, घटना के सटीक कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह स्थानीय लोगों की भावनाओं से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
जोधपुर से सांसद और जैसलमेर से गहरा नाता रखने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “हमारी संस्कृति और सामाजिक अस्मिता पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं होगा। अराजक तत्वों को चेतावनी है कि वे अपने कृत्यों के गंभीर परिणाम भुगतेंगे।” शेखावत ने इस घटना को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया और स्थानीय प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
शेखावत का यह बयान उनकी क्षेत्रीय प्रभावशाली छवि को और मजबूत करता है। जैसलमेर और जोधपुर में उनकी सक्रियता और सांस्कृतिक गौरव पर जोर देने वाला यह रुख स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय हो सकता है। हालांकि, कुछ लोग इसे राजनीतिक लाभ की कोशिश के रूप में भी देख रहे हैं। यह विवाद सामुदायिक तनाव को बढ़ाने का खतरा रखता है, खासकर जब यह सांस्कृतिक प्रतीकों से जुड़ा हो।
जैसलमेर पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। प्रशासन ने सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकें शुरू की हैं ताकि तनाव कम किया जा सके। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
जैसलमेर का छतरी विवाद सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सामाजिक एकता के महत्व को रेखांकित करता है। स्मारक और परंपराएं केवल पत्थर की संरचनाएं नहीं, बल्कि समुदायों की पहचान और गौरव का प्रतीक हैं। इस तरह की घटनाएं सामाजिक तनाव को भड़का सकती हैं, और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही, यह समाज के लिए भी एक सबक है कि संवाद और सहिष्णुता के जरिए ही ऐसी समस्याओं का समाधान संभव है।
बीकानेर के लूणकरणसर में राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पर गैस गोदाम के पास लोक परिवहन बस…
बीकानेर जिले के रणजीतपुरा और रावला के बीच ग्रामीणों और अवैध शिकारियों के बीच मंगलवार…
बीकानेर/जोधपुर, 10 नवंबर 2025 | राजस्थान के फलोदी में 2 नवंबर को हुए भीषण सड़क…
बीकानेर, 10 नवंबर 2025 | पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार दोपहर करीब 2 बजे…
बीकानेर जिले के नोखा तहसील के जसरासर थाना क्षेत्र में गुदुसर रोही स्थित एक ढाणी…
बीकानेर, 09 नवंबर 2025 | बीकानेर के सदर थाने में दर्ज एक नई एफआईआर ने…