जैसलमेर: भिनाजपुरा में विधायक रविंद्र सिंह भाटी का धरना, मृत कर्मचारी के लिए मुआवजे की मांग

जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र में भिनाजपुरा गांव में एक निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी की सड़क हादसे में मौत के बाद स्थानीय लोग और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी मंगलवार दोपहर से धरने पर बैठे हैं। विधायक भाटी रातभर धरनास्थल पर खाट डालकर डटे रहे और उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।

सड़क हादसे में कर्मचारी की मौत

सोमवार देर रात सांकड़ा थाना क्षेत्र के भिनाजपुरा में एक दुखद सड़क हादसा हुआ, जिसमें निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी रमेश दान (आरंग निवासी) की मौत हो गई। उनके साथी संगत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों कर्मचारी ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहे थे, तभी एक अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए। इस हादसे ने क्षेत्र में कंपनी प्रबंधन की लापरवाही को लेकर गुस्सा भड़का दिया है।

कंपनी पर गंभीर आरोप

मृतक के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कंपनी कर्मचारियों के लिए रात में रुकने की कोई उचित व्यवस्था नहीं करती। इस वजह से कर्मचारियों को अंधेरे और असुरक्षित रास्तों से होकर घर लौटना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी की इस लापरवाही के कारण ही रमेश दान की जान गई और संगत सिंह गंभीर रूप से घायल हुए।

ग्रामीणों और परिजनों की मांगें

  • मृतक रमेश दान के परिवार को तत्काल उचित मुआवजा दिया जाए।
  • घायल कर्मचारी संगत सिंह के इलाज का पूरा खर्च कंपनी वहन करे।
  • भविष्य में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए स्थायी और ठोस व्यवस्था की जाए, जैसे रात में रुकने के लिए सुरक्षित आवास और परिवहन सुविधा।

विधायक रविंद्र सिंह भाटी का आंदोलन

इस घटना के विरोध में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी मंगलवार दोपहर से भिनाजपुरा में धरनास्थल पर डटे हुए हैं। उन्होंने रातभर खाट पर बैठकर ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता दिखाई। भाटी ने कहा, “यह केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के न्याय का सवाल है। कंपनी प्रबंधन को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं और कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। भाटी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो यह धरना उपखंड कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय और प्रदेश स्तर तक जाएगा।

सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव

इस हादसे और धरने ने जैसलमेर जिले में निजी कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही के मुद्दे को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएं क्षेत्र में पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन और कंपनियां कोई सबक नहीं ले रही हैं। विधायक भाटी के धरने ने इस मुद्दे को राजनीतिक और सामाजिक रूप से और गंभीर बना दिया है।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

पुलिस ने हादसे के संबंध में अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। साथ ही, धरनास्थल पर शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन से बातचीत शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।