जयपुर : राजस्थान विधानसभा में 3 सितंबर को पारित हुए कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बिल को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर ही मतभेद उजागर हो गए हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
कोचिंग बिल पर विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर तीखा हमला बोला और बिल को कोचिंग संस्थानों के हित में बताते हुए इसकी कमियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बिल में छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं हैं और यह कोचिंग माफिया को बढ़ावा देगा। लेकिन कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने न केवल बिल का समर्थन किया, बल्कि टीकाराम जूली के बयान के खिलाफ बोलकर पार्टी लाइन से हटकर रुख अपनाया। पारीक ने बिल को समय की जरूरत बताया और सरकार के कदम की सराहना की।
इस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजेंद्र पारीक को कड़ी फटकार लगाई। जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में डोटासरा ने कहा, “राजेंद्र पारीक हमारे वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्हें पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था। जब नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रख चुके हों, तो किसी अन्य विधायक को उससे अलग राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है।” उन्होंने बिल को कोचिंग संस्थानों को लाभ पहुंचाने वाला करार देते हुए कहा कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। डोटासरा ने यह भी सवाल उठाया कि जब स्कूलों में प्रवेश की न्यूनतम उम्र छह साल निर्धारित की गई है, तो कोचिंग संस्थानों के लिए उम्र सीमा तय न करना गलत है।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि बिल में छात्रों की आत्महत्या और मानसिक दबाव जैसे गंभीर मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित नहीं किया गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देवनानी पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही चला रहे हैं। डोटासरा ने घोषणा की कि कांग्रेस अपने विधायकों और नेता प्रतिपक्ष के साथ विचार-विमर्श कर देवनानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस विधानसभा में टीकाराम जूली के नेतृत्व में किसानों, मजदूरों, और महिलाओं जैसे आम लोगों के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठा रही है।
राजस्थान, विशेषकर कोटा, कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है, जहां हर साल लाखों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या ने चिंता बढ़ा दी है। 2025 में अब तक 15 छात्रों ने आत्महत्या की है, जबकि 2024 में यह संख्या 17 और 2023 में 26 थी। इस बिल का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना था, लेकिन विपक्ष का मानना है कि यह अपने लक्ष्य में नाकाम रहा है।
कांग्रेस के इस अंतर्कलह और अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी ने राजस्थान की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। अब यह देखना होगा कि यह मुद्दा सदन के बाहर और भीतर किस तरह आकार लेता है।
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