बीकानेर जिले के छत्तरगढ़ लाखूसर रोही क्षेत्र में एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां सोलर प्लांट की चारदीवारी के भीतर रात के अंधेरे में करीब 39-40 खेजड़ी के पेड़ों को काटा गया। यह घटना स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के लिए अलर्ट की घंटी साबित हुई है, क्योंकि खेजड़ी का पेड़ राजस्थान का राज्य वृक्ष है और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सुबह के समय ग्रामीण छतराराम मान अपने सामान्य भ्रमण के दौरान सोलर प्लांट की चारदीवारी के भीतर कई खेजड़ी के पेड़ों को कटी हुई स्थिति में पाया। पेड़ों के तने और शाखाएं सब कहीं बिखरी हुई थीं, जिससे साफ पता चल रहा था कि रात में बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से कटाई की गई थी।
पर्यावरण संघर्ष समिति की कार्रवाई:
इस अवैध कटाई की जानकारी मिलते ही पर्यावरण संघर्ष समिति के संयोजक रामगोपाल बिश्नोई, सज्जन कुमार, बनवारी लाल धारणियां, अजय सिद्ध और चुनाराम मान आदि मौके पर पहुंचे। इन सभी सदस्यों ने खेजड़ी के पेड़ों की कटाई की पुष्टि की और तहसील प्रशासन को तुरंत सूचित किया। समिति ने बीकानेर तहसीलदार को दूरभाष पर शिकायत करके कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
वन माफिया की साजिश:
ग्रामीणों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के अनुसार, सोलर प्लांट स्थापित करने की आड़ में वन माफिया अपनी गतिविधियों को तेजी से बढ़ा रहे हैं।] रात के अंधेरे में सैकड़ों हरे-भरे पेड़ों को काटकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरा जाता है और फिर उन्हें आरा मशीनों तक भेज दिया जाता है। इस तरह से अवैध रूप से लकड़ी का कारोबार किया जा रहा है।
प्रशासनिक निष्क्रियता:
सबसे चिंताजनक बात यह है कि वन विभाग, पुलिस, तहसील प्रशासन और उपखंड कार्यालय को इस अवैध कटाई की जानकारी है, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।] ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण वन माफिया का यह अवैध धंधा बेलगाम चल रहा है।
खेजड़ी के संरक्षण की चिंता:
पर्यावरण संघर्ष समिति के अधिकारियों ने गंभीर चेतावनी दी है कि यदि समय पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो बीकानेर जिले से खेजड़ी का अस्तित्व ही समाप्त हो सकता है। खेजड़ी पेड़ राजस्थान की पहचान है और इसका सांस्कृतिक, पारिस्थितिक और आर्थिक महत्व अपरिसीम है।
समिति ने उपखंड प्रशासन, बीकानेर तहसीलदार, वन विभाग और छत्तरगढ़ पुलिस से निम्नलिखित तत्काल कार्रवाई की मांग की है:
- सोलर प्लांट की चारदीवारी के भीतर और आसपास सभी अवैध कटाई को तुरंत बंद किया जाए
- वन माफिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए
- प्रशासन द्वारा नियमित निगरानी और छापेमारी की व्यवस्था की जाए
- दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच की जाए
ग्रामीणों की अपील:
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि खेजड़ी के पेड़ महज एक पेड़ नहीं हैं, ये हमारी विरासत हैं और हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए पेड़ हैं।] पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन को तत्काल और दृढ़ कदम उठाने चाहिए।
