राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मंडियों में चल रही हड़ताल और खाद्य पदार्थों पर लगाए गए यूजर चार्ज को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा कि सरकार के नए आदेश से न केवल व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से व्यापारियों के साथ तत्काल बातचीत कर इस मुद्दे का समाधान निकालने की मांग की है।
यूजर चार्ज के आदेश पर गहलोत का विरोध
अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार के उस आदेश का जिक्र किया, जिसमें मंडी और उप-मंडी यार्ड में गैर-अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य पदार्थों पर प्रति 100 रुपये के लेन-देन पर 50 पैसे का यूजर चार्ज लगाने का प्रावधान किया गया है। गहलोत ने इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इससे दाल, चावल, आटा, मैदा, सूजी, तिलहन, खाद्य तेल, नमक और ड्राय फ्रूट्स जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें महंगी हो जाएंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इस अतिरिक्त शुल्क से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।
मंडी हड़ताल से व्यापारियों और जनता को नुकसान
गहलोत ने कहा कि इस आदेश के विरोध में राजस्थान की 247 खाद्य पदार्थ मंडियां हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, वहीं आम लोगों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के फैसले बिना सोच-विचार के लिए गए हैं, जिसका खामियाजा व्यापारियों और जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार से बातचीत की अपील
गहलोत ने बीजेपी सरकार से अपील की कि वह तुरंत इस मुद्दे पर व्यापारियों के साथ संवाद स्थापित करे और हड़ताल को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को बिना देरी किए व्यापारियों की समस्याओं को सुनना चाहिए और इस यूजर चार्ज के आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए।” गहलोत ने जोर देकर कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह ऐसी नीतियां बनाए, जो व्यापारियों और आम जनता दोनों के हित में हों।
