हनुमानगढ़ | राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जहां सड़कों, पुलियों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं एक स्थानीय निवासी की सतर्कता और साहस ने एक संभावित बड़े रेल हादसे को टाल दिया। भादरा तहसील के निनान गांव के निवासी संजय कुमार पुत्र जयपाल मेघवाल ने गुरुवार, 17 जुलाई 2025 को जाखोद खेड़ा-मंडी आदमपुर रेल लाइन पर बारिश से हुए कटाव को समय रहते देखकर रेवाड़ी-भटिंडा ट्रेन (54782) को रुकवाकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई। रेलवे अधिकारियों और स्थानीय समुदाय ने संजय के इस असाधारण साहस की जमकर सराहना की है। इस बीच, भारी बारिश के कारण जिले में सड़कों पर पानी भरने और क्षतिग्रस्त पुलियों ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
संजय कुमार की सतर्कता ने बचाई सैकड़ों जिंदगियां
गुरुवार शाम को जाखोद खेड़ा-मंडी आदमपुर रेल लाइन पर किलोमीटर 170/12-14 के बीच भारी बारिश के कारण पानी के तेज बहाव से रेल पटरियों के नीचे गड्ढा बन गया था। निनान गांव के संजय कुमार ने इस कटाव को देखा और तुरंत संभावित रेल दुर्घटना को रोकने के लिए कदम उठाया। उन्होंने दोनों दिशाओं में रेल पटरियों की जांच की और पाया कि रेवाड़ी-भटिंडा पैसेंजर ट्रेन (54782) हिसार की ओर से तेजी से आ रही थी।
संजय ने बिना समय गंवाए अपनी लाल रंग की शर्ट उतारी और उसे हवा में लहराते हुए ट्रेन की ओर दौड़े। लोको पायलट को रुकने का इशारा करते हुए उन्होंने ट्रेन को खतरे से पहले ही रोकने में मदद की। लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन की गति नियंत्रित कर घटनास्थल से कुछ दूरी पहले इसे रोक दिया। इसके बाद ट्रेन मैनेजर ने कंट्रोल रूम को सूचित किया, और रेलवे की तकनीकी टीम ने कटाव की तत्काल मरम्मत की। मरम्मत के बाद ट्रेन को सुरक्षित और नियंत्रित गति से आगे बढ़ाया गया।
रेलवे अधिकारियों ने संजय कुमार की इस असाधारण सतर्कता और साहस को “जीवन रक्षक” करार दिया। उत्तर पश्चिम रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) ने कहा, “संजय कुमार ने न केवल अपनी सूझबूझ से सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई, बल्कि रेलवे की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। हम उनके इस कार्य की सराहना करते हैं और सभी नागरिकों से ऐसी सतर्कता बरतने की अपील करते हैं।”
भारी बारिश का कहर: सड़कें, पुलियां और रेल पटरियां प्रभावित
हनुमानगढ़ जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। गुरुवार को भी भारी बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया, जिससे आवागमन में बाधा आई। कई स्थानों पर पुलियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात ठप हो गया। रेल पटरियों के आसपास मिट्टी का कटाव होने से ट्रेनों के लिए खतरा बढ़ गया है। जाखोद खेड़ा-मंडी आदमपुर रेल लाइन पर हुआ कटाव इसका ताजा उदाहरण है, जिसे संजय की सतर्कता ने समय रहते उजागर किया।
जिला प्रशासन के अनुसार, भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव और ग्रामीण सड़कों पर मिट्टी धंसने की शिकायतें मिल रही हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से जल निकासी और सड़क मरम्मत के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। एक स्थानीय निवासी, रामस्वरूप ने कहा, “हर साल बारिश में सड़कें और पुलियां टूट जाती हैं, लेकिन प्रशासन समय पर मरम्मत नहीं करता। अब रेल पटरियों को भी नुकसान हो रहा है, जो चिंता की बात है।”
रेलवे की सुरक्षा और नागरिकों की भूमिका
रेलवे अधिकारियों ने इस घटना के बाद नागरिकों से रेल पटरियों और आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की अपील की है। बारिश के मौसम में मिट्टी का कटाव, पटरियों के नीचे गड्ढे, और अन्य खतरों की आशंका बढ़ जाती है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने एक बयान में कहा, “नागरिकों की सतर्कता रेल संचालन को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। संजय कुमार जैसे जागरूक नागरिक हमारे लिए प्रेरणा हैं।”
पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में बारिश से रेल पटरियों को नुकसान के कई मामले सामने आए हैं। 2015 में जोधपुर मंडल में भारी बारिश के कारण रेल पटरियां बह गई थीं, जिसके बाद रेलवे ने मॉनसून से पहले पटरियों की जांच और मरम्मत के लिए विशेष टीमें गठित की थीं। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी रेल लाइनों पर ऐसी घटनाएं अब भी चुनौती बनी हुई हैं। रेलवे ने अब हनुमानगढ़ क्षेत्र में पटरियों की नियमित निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है।
सामाजिक प्रभाव और प्रशंसा
संजय कुमार के साहसिक कार्य ने न केवल हनुमानगढ़, बल्कि पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय समुदाय ने उनकी बहादुरी की तारीफ की और उन्हें “निनान का नायक” करार दिया। सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि संजय को उनके इस कार्य के लिए सम्मानित किया जाए। निनान गांव के सरपंच ने कहा, “संजय ने हम सभी के लिए एक मिसाल कायम की है। हमें अपने आसपास के खतरों के प्रति जागरूक रहना होगा, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।”
इस घटना ने बारिश के मौसम में रेलवे और सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिला प्रशासन और रेलवे को मॉनसून से पहले पटरियों, सड़कों, और पुलियों की स्थिति की जांच के लिए संयुक्त अभियान चलाना चाहिए। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को संभावित खतरों के बारे में सूचित करना चाहिए।