रूस में नौकरी और पढ़ाई का लालच देकर कई भारतीय युवाओं को धोखे का शिकार बनाया गया है, जिनमें राजस्थान के युवा भी शामिल हैं। इन युवाओं को रूसी सेना में जबरन भर्ती कर यूक्रेन सीमा के पास युद्ध क्षेत्र में भेजा गया है। उनके परिवारों ने भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। यह मामला न केवल इन युवाओं की जिंदगी से जुड़ा है, बल्कि विदेशों में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।
धोखे का जाल: कैसे फंसे राजस्थान के युवा?
एजेंटों ने राजस्थान और अन्य राज्यों के युवाओं को रूस में आकर्षक नौकरियों (जैसे सिक्योरिटी गार्ड, कूरियर, या होटल स्टाफ) और पढ़ाई के लिए वीजा का झांसा दिया। लेकिन रूस पहुंचने पर हकीकत कुछ और थी:
- जबरन अनुबंध: युवाओं को रूसी भाषा में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया, जो बाद में रूसी सेना में भर्ती के अनुबंध निकले।
- पासपोर्ट जब्त: कई युवाओं के पासपोर्ट छीन लिए गए, जिससे वे रूस में फंस गए।
- युद्ध क्षेत्र में तैनाती: नौकरी के बजाय, उन्हें सैन्य प्रशिक्षण दिया गया और यूक्रेन के साथ युद्ध क्षेत्र, खासकर डोनेत्स्क जैसे खतरनाक इलाकों में भेजा गया।
राजस्थान के प्रभावित युवा
खबरों के अनुसार, राजस्थान के कुछ युवाओं के नाम सामने आए हैं, जो इस धोखाधड़ी का शिकार हुए:
- संदीप सुंडा (सीकर): सीकर जिले के दीपपुरा राजाजी गांव का रहने वाला संदीप सुंडा पढ़ाई के लिए रूस गया था। लेकिन उसे रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया। संदीप ने वीडियो संदेश में बताया कि उसे हथियार चलाना नहीं आता, फिर भी युद्ध में धकेल दिया गया। उनके परिवार ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है।
- अन्य युवा: राजस्थान के 4-5 अन्य युवा भी फंसे हैं, जिनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए। ये मुख्य रूप से जयपुर, जोधपुर, या बीकानेर जैसे जिलों से हो सकते हैं। कुछ लापता बताए जा रहे हैं, और उनके परिवारों को कोई जानकारी नहीं मिली।
परिवारों की भावुक अपील
फंसे युवाओं के परिवारों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है:
- संदीप के पिता: उन्होंने बताया कि संदीप ने रोते हुए वीडियो कॉल पर कहा कि उसे युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है। परिवार ने हरियाणा और राजस्थान के नेताओं से मदद मांगी।
- 11 सितंबर 2025 की कार्रवाई: कई परिवारों ने दिल्ली में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। कुछ ने स्थानीय सांसदों और मंत्रियों से संपर्क किया।
मौतें और लापता मामले
इस धोखाधड़ी का शिकार हुए कई भारतीय युवा युद्ध में मारे गए या लापता हैं:
- मोहम्मद असफान (हैदराबाद): मार्च 2024 में युद्ध में मृत्यु।
- हमिल मंगूकिया (गुजरात): फरवरी 2024 में डोनेत्स्क में मिसाइल हमले में मृत।
- राजस्थान के युवा: कुछ युवा लापता हैं, और उनके परिवारों को कोई जानकारी नहीं मिली। एक राजस्थानी युवक का जिक्र है, जिसका 4 दिन से कोई संपर्क नहीं है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कम से कम 8 भारतीयों की युद्ध में मृत्यु हो चुकी है, और 55 अन्य रूसी सेना में फंसे हैं।
सरकार और दूतावास की कोशिशें
भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है:
- कूटनीतिक प्रयास: विदेश मंत्रालय ने रूस के साथ बातचीत शुरू की है और फंसे भारतीयों की रिहाई की मांग की है।
- चेतावनी: मंत्रालय ने भारतीयों को रूसी सेना से जुड़े नौकरी प्रस्तावों से बचने की सलाह दी है, क्योंकि ये जानलेवा हो सकते हैं।
- CBI की कार्रवाई: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। मार्च 2024 में दिल्ली, मुंबई, और अन्य शहरों में छापेमारी की गई, जिसमें 35 से अधिक मामले सामने आए।
परिवारों की मांग और सुझाव
परिवारों ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- तत्काल रिहाई: फंसे युवाओं को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकाला जाए।
- एजेंटों पर कार्रवाई: धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क को खत्म किया जाए।
- जागरूकता अभियान: विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं को जागरूक किया जाए।
सावधानियां और सलाह
- जांच करें: विदेश में नौकरी के प्रस्तावों की पूरी जांच करें। केवल मान्यता प्राप्त एजेंटों पर भरोसा करें।
- दस्तावेज समझें: किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले उसकी भाषा और शर्तें जांच लें।
- संपर्क: धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत भारतीय दूतावास या विदेश मंत्रालय (1800-11-3399) से संपर्क करें।
सरकार का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए रूस के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता उनकी सुरक्षा है।” मंत्रालय ने रूसी सेना में भर्ती प्रक्रिया को बंद करने की मांग भी की है।