पुलवामा हमले में ऑनलाइन खरीदे गए थे विस्फोटक: जांच में खुलासा

श्रीनगर | 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, में इस्तेमाल विस्फोटकों की खरीद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन के जरिए की गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

ऑनलाइन खरीद का दुरुपयोग
एनआईए की जांच के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने हमले के लिए आवश्यक रसायन, जैसे अमोनियम नाइट्रेट और अल्यूमीनियम पाउडर, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदे। श्रीनगर के वैज उल इस्लाम और पुलवामा के मोहम्मद अब्बास राथेर ने इन सामग्रियों को खरीदकर आतंकियों तक पहुंचाया। एफएटीएफ की 2025 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आतंकी संगठन ई-कॉमर्स और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का उपयोग धन और सामग्री जुटाने के लिए कर रहे हैं।

हमले का विवरण
पुलवामा के लेथपोरा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी महिंद्रा स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले की बस से टकराया था, जिसके परिणामस्वरूप 40 जवान शहीद हुए। एनआईए की 13,500 पन्नों की चार्जशीट में 19 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल हैं। जांच में यह भी पता चला कि कुछ विस्फोटक सामग्री सीमा पार से लाई गई थी।

भारत की जवाबी कार्रवाई
हमले के 12 दिन बाद, 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिसमें करीब 300 आतंकी मारे गए। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इस हमले की निंदा की और भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन किया।

ई-कॉमर्स पर सवाल
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने अमेजन पर प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस खुलासे ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की निगरानी और नियमन की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

आगे की राह
पुलवामा हमला भारत के लिए एक दुखद घटना थी, जिसने आतंकवाद के नए तरीकों को उजागर किया। सरकार और जांच एजेंसियां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही हैं।

TharToday.com विशेष रिपोर्ट