राजस्थान

छतरगढ़ में सोलर प्लांट पर विवाद: स्थानीय रोजगार की मांग को लेकर दो पक्षों में झड़प, 6 लोग घायल

राजस्थान के छतरगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के केला गांव में एक सोलर प्लांट को लेकर तनाव भरा माहौल बन गया। स्थानीय ग्रामीणों और प्लांट प्रबंधन के बीच रोजगार के मुद्दे पर शुरू हुआ विवाद हिंसक रूप धारण कर गया। दोनों पक्षों के बीच हुई धरपकड़ में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।

विवाद की शुरुआत

जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण लंबे समय से सोलर प्लांट में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार देने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि यह परियोजना उनके गांव में बनी है, इसलिए पहले हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए। लेकिन प्लांट प्रबंधन ने इन मांगों को अनदेखा कर बाहरी श्रमिकों को काम पर लगाना शुरू कर दिया। इससे नाराज ग्रामीणों ने प्लांट स्थल पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया।

हिंसा का दौर

विरोध प्रदर्शन के दौरान बातें बिगड़ गईं और देखते ही देखते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। हंगामे में लाठियां चलने लगीं, जिससे दोनों तरफ से करीब 6 लोग चोटिल हो गए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर तनाव बरकरार है, लेकिन पुलिस ने मौके पर भारी संख्या में जाब्ता तैनात कर दिया है।

दोनों पक्षों के दावे

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रबंधन जानबूझकर बाहरी लोगों को काम देकर स्थानीय युवाओं को नजरअंदाज कर रहा है। उनका कहना है कि इससे गांव की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और बेरोजगारी की समस्या और गंभीर हो गई है। दूसरी ओर, सोलर प्लांट के अधिकारियों का तर्क है कि भर्ती योग्यता और कौशल के आधार पर की जाती है, न कि स्थानीयता के आधार पर। उन्होंने कहा कि सभी योग्य उम्मीदवारों को अवसर दिया जाता है, लेकिन प्रोजेक्ट की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए काम तेजी से चलाना जरूरी है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि विवाद रोजगार वितरण को लेकर ही हुआ। थाना प्रभारी ने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की सलाह दी गई है।

आगे की संभावनाएं

यह घटना सोलर ऊर्जा परियोजनाओं में स्थानीय रोजगार के मुद्दे को फिर से उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परियोजनाओं में स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत बदलाव जरूरी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सावधानी और अपील

  • प्रभावित क्षेत्र के निवासियों से अपील है कि शांति बनाए रखें और कानूनी तरीके से अपनी बात रखें।
  • स्थानीय प्रशासन से रोजगार नीतियों पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की मांग उठ रही है।
  • अपडेट्स के लिए आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।

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