शपथ ग्रहण का भव्य समारोह
आज राष्ट्रपति भवन में एक ऐतिहासिक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को भारत के 17वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर देश की शीर्ष नेताओं और गणमान्य लोगों की मौजूदगी ने समारोह को विशेष महत्व प्रदान किया। राधाकृष्णन ने इस जिम्मेदारी को संभालते हुए देश की प्रगति और एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
चुनाव में शानदार जीत
उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को हुए चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के भारी अंतर से हराया। राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। यह जीत एनडीए की मजबूत स्थिति को दर्शाती है, हालांकि चुनाव में क्रॉस वोटिंग की चर्चा भी जोरों पर रही।
क्रॉस वोटिंग का सियासी बवाल
चुनाव परिणामों से पता चला कि इंडिया ब्लॉक के 10 से अधिक सांसदों ने राधाकृष्णन को समर्थन दिया, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। इस क्रॉस वोटिंग को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। कुछ का मानना है कि यह गठबंधन की कमजोरी को उजागर करता है, जबकि अन्य इसे रणनीतिक कदम बता रहे हैं।
राधाकृष्णन की नई जिम्मेदारी
सीपी राधाकृष्णन के रूप में देश को एक अनुभवी नेता मिला है, जिन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। उनकी नियुक्ति को देश की विविधता और समावेशी शासन की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। अब उनकी नजरें देश के संवैधानिक ढांचे को मजबूत करने और संसद में सकारात्मक योगदान देने पर होंगी।
राजनीतिक हलचल जारी
उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। एनडीए की जीत को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, वहीं इंडिया ब्लॉक अपनी रणनीति पर पुनर्विचार की तैयारी में है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी बहस और तेज होने की संभावना है।
