नागौर एसपी नारायण टोगस के विदाई समारोह पर विवाद, हनुमान बेनीवाल ने उठाए सवाल, लगाए गंभीर आरोप

नागौर | नागौर के निवर्तमान पुलिस अधीक्षक (एसपी) नारायण टोगस के तबादले के बाद सोमवार को आयोजित विदाई समारोह ने न केवल चर्चा बटोरी, बल्कि सियासी विवाद को भी जन्म दे दिया। नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के नेता हनुमान बेनीवाल ने इस समारोह में डीजे के इस्तेमाल और कथित अपराधियों की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। बेनीवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा की अवहेलना का आरोप लगाया और इस मामले में जिम्मेदारी तय करने की मांग की है।

डीजे पर प्रतिबंध और विदाई समारोह में उल्लंघन

हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया मंच X पर अपनी पोस्ट में तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ नागौर पुलिस डीजे बजाने वालों पर चालान काटकर इसे प्रतिबंधित करने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ एसपी नारायण टोगस के विदाई समारोह में डीजे का खुला इस्तेमाल हुआ। बेनीवाल ने सवाल उठाया कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा केवल आम लोगों के लिए है? उन्होंने केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछा कि क्या इस कानून की पालना करना प्रशासन के लिए अनिवार्य नहीं है।

उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर, नागौर ने 15 जुलाई से 8 अगस्त 2025 तक जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट, रेलवे तिराहा, कोर्ट परिसर, एसपी कार्यालय और नकाश गेट तक के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की थी। यह आदेश स्वयं एसपी की सिफारिश पर जारी हुआ था, लेकिन विदाई समारोह में डीजे के इस्तेमाल ने इस आदेश की धज्जियां उड़ा दीं। बेनीवाल ने मांग की कि इस उ31घन की जिम्मेदारी तय की जाए।

“हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों की मौजूदगी”

बेनीवाल ने समारोह में शामिल कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि विदाई समारोह में घोड़ी लाने वालों से लेकर डीजे पर ठुमके लगाने वालों में कई ऐसे लोग थे, जो विभिन्न थानों के हिस्ट्रीशीटर, तस्कर और अपराधी हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन यह संदेश देता है कि पुलिस कप्तान अपराधियों और माफियाओं को संरक्षण देता है। बेनीवाल ने इसे “बाड़ ही खेत खाने” वाली कहावत का उदाहरण बताया और कहा कि यह घटना नागौर की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।

सरकार से जवाब की मांग

नागौर सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता केवल आम नागरिकों के लिए बनाई गई है, और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूछा कि क्या निषेधाज्ञा लागू करने की सिफारिश करने वाले अधिकारी स्वयं इसकी अवहेलना कर सकते हैं। उन्होंने इस मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।

सियासी माहौल गर्म

नारायण टोगस का तबादला जोधपुर ग्रामीण के लिए हुआ है, और उनके स्थान पर मृदुल कच्छावा को नागौर का नया एसपी नियुक्त किया गया है। टोगस के कार्यकाल के दौरान बेनीवाल ने उन पर कई बार गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण देने की बात शामिल थी। विधानसभा में भी नागौर के विधायक अजय सिंह किलक ने टोगस के खिलाफ विशेष अन्वेषण दल (SOG) से जांच की मांग की थी। इस विदाई समारोह ने इन विवादों को और हवा दे दी है।

जनता के बीच चर्चा

सोशल मीडिया पर इस समारोह की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें डीजे पर नाचते लोग और भव्य आयोजन देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने इस आयोजन को जनता के प्रति टोगस की लोकप्रियता का प्रतीक बताया, जबकि बेनीवाल जैसे नेताओं ने इसे प्रशासनिक अनुशासनहीनता का उदाहरण करार दिया। इस विवाद ने नागौर की जनता और राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है।