बाड़मेर में मेवाराम जैन की कांग्रेस वापसी पर बवाल, शहर में लगे विवादित पोस्टर

बाड़मेर | बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी ने जिले में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। शनिवार को बाड़मेर पहुंचे जैन का जहां कुछ कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया, वहीं शहर के प्रमुख चौराहों पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए, जिनमें कथित अश्लील तस्वीरों के साथ तीखी टिप्पणियां की गईं। इन पोस्टरों में लिखा था, “बाड़मेर हुआ शर्मसार, महिलाओं का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर की कांग्रेस, बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं – जिला कांग्रेस कमेटी बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा।” इस घटना ने स्थानीय राजनीति में नया विवाद जन्म दे दिया है।

पोस्टर विवाद और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

बाड़मेर के नेहरू नगर, नेहरू नगर ओवरब्रिज, सिणधरी सर्किल, कॉलेज रोड और केंद्रीय बस स्टैंड जैसे प्रमुख स्थानों पर लगे इन पोस्टरों ने लोगों का ध्यान खींचा। हालांकि, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गफूर अहमद ने इस मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा, “यह मेरी जानकारी में नहीं है।” दूसरी ओर, नगर परिषद कमिश्नर सुरेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि जैसे ही प्रशासन को इन पोस्टरों की सूचना मिली, उन्हें तुरंत हटवा दिया गया। उन्होंने कहा, “बिना अनुमति के पोस्टर लगाना गैरकानूनी है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

मेवाराम जैन का जवाब: “यह नीचता की पराकाष्ठा”

पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने इस घटना को अपने विरोधियों की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने मुझे पहले ही क्लीन चिट दे दी है। ये आरोप फर्जी साबित हो चुके हैं, फिर भी मेरे खिलाफ यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। मैंने कोतवाली में इसकी शिकायत दर्ज की है। यह बीजेपी नहीं, बल्कि कुछ और लोग कर रहे हैं, और यह सबको पता है।” जैन ने दृढ़ता से कहा कि वह धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी वापसी के बाद से उन्हें फोन पर परेशान किया जा रहा है।

जैन ने विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया था। बाड़मेर-जैसलमेर की 8 सीटों में से केवल एक पर हम जीत सके। मेरे चरित्र पर सवाल उठाने वालों से मैं कहता हूं, मेरा और सभी का नारको टेस्ट करवा लें, सच सामने आ जाएगा।”

20 महीने का निष्कासन और वापसी

मेवाराम जैन को 7 जनवरी 2024 को कथित विवाद के चलते कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। करीब 20 महीने तक पार्टी से बाहर रहने के बाद, 22 सितंबर 2025 को अनुशासन कमेटी के निर्णय के बाद उनकी वापसी की घोषणा हुई। इस खबर के बाद कई स्थानीय नेता 24 सितंबर को दिल्ली पहुंच गए थे, जिससे साफ है कि जैन की वापसी ने पार्टी के भीतर भी हलचल मचाई है।

सियासी माहौल गर्म, जांच शुरू

यह घटना बाड़मेर के सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गई है। पोस्टर लगाने वालों की पहचान के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोग इसे जैन की वापसी के खिलाफ असंतुष्ट नेताओं की प्रतिक्रिया मान रहे हैं। इस बीच, जैन की वापसी और पोस्टर विवाद ने कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को फिर से उजागर कर दिया है।