बीकानेर में रविवार सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला आज दोपहर तक जारी है। कभी जोरदार झमाझम तो कभी हल्की-हल्की बूंदाबांदी के साथ यह बारिश शहरवासियों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है। पिछले कुछ दिनों से चिलचिलाती गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा था, और शनिवार से शुरू हुई यह बारिश उनके लिए संजीवनी साबित हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश मानसून की देर से आई सक्रियता का परिणाम है, जो अगले 48 घंटों तक जारी रह सकती है।
शहर के प्रमुख इलाकों जैसे कोटगेट, केईएम रोड और पुरानी गिन्नाणी में तेज बहाव ने सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया है। वाहन चालकों को अपने रास्ते बदलने पड़ रहे हैं, जबकि नीचे बसे इलाकों में जलभराव ने रहवासियों की चिंता बढ़ा दी है। दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों में यह बारिश किसानों के लिए वरदान बनकर आई है। नापासर, लूनकरणसर और कोलायत जैसे इलाकों में अच्छी बारिश से खेतों में नमी लौटी है, जिससे बारानी फसलों को नया जीवन मिला है। कोलायत सरोवर में पानी की आवक भी बढ़ी है, जो स्थानीय जल संग्रहण के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
मौसम विभाग ने बीकानेर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जो अगले दो दिनों तक प्रभावी रहेगा। विभाग के अनुसार, राजस्थान के कई हिस्सों में इसी तरह की मौसमी गतिविधियाँ देखी जा रही हैं, जबकि पड़ोसी जिले कोटा में रेड अलर्ट लागू है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारी बारिश के दौरान बिजली चमकने या तेज हवाओं के साथ खतरा बढ़ सकता है। इसलिए लोगों से अपील की गई है कि वे पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें, ऊंची जगहों पर न जाएँ और सुरक्षित स्थानों पर रहें। इसके अलावा, नदियों और नालों के पास जाने से भी मना किया गया है।
बीकानेर में इस तरह की बारिश की यादें पिछले साल अगस्त में भी ताजा हैं, जब शहर में 24 घंटों में 50 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। इस बार भी, सुबह 6 बजे से दोपहर 1:13 बजे तक हुई बारिश ने 30 मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की है, जो सामान्य से ऊपर है। स्थानीय प्रशासन ने जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए टीमें तैनात की हैं, ताकि जलभराव की समस्या से निपटा जा सके। साथ ही, बिजली विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि बारिश से उत्पन्न तकनीकी खराबियों को तुरंत ठीक किया जा सके।
किसान समुदाय के लिए यह बारिश समय पर आई राहत है। पिछले हफ्ते सूखे की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब मूंगफली और बाजरा जैसी फसलों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है। हालांकि, अधिक बारिश से फसल डूबने का खतरा भी बना हुआ है, जिस पर नजर रखने की सलाह दी गई है। स्थानीय मौसम पैटर्न के आधार पर, अगले कुछ दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी, जो जिले के जल स्रोतों को मजबूत करने में मदद कर सकती है।
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