बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ में चिंकारा हिरण के शिकार का एक और मामला सामने आया है। सूडसर गांव के गोपालसर के खेत में एक नर चिंकारा घायल अवस्था में मिला, जिसकी मौत हो गई। वन विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया, लेकिन पशु प्रेमियों ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनकी मांग है कि शिकारियों को सख्त सजा दी जाए और मामले की गहन जांच हो।
खेत में घायल मिला चिंकारा
जानकारी के अनुसार, यह घटना श्रीडूंगरगढ़ के सूडसर गांव में हुई। गोपालसर के खेत में एक नर चिंकारा घायल अवस्था में पाया गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, लेकिन जब तक वन अधिकारी और पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे, चिंकारा ने दम तोड़ दिया। वन विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पोस्टमार्टम में लापरवाही का आरोप
पशु प्रेमियों और जीव रक्षा संस्था के सदस्यों ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि पशु चिकित्सकों ने न तो एक्स-रे किया और न ही सोनोग्रॉफी। हिरण के शरीर से कोई गोली भी बरामद नहीं हुई, जिससे शिकार की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। पशु प्रेमियों का कहना है कि वन विभाग ने जल्दबाजी में पोस्टमार्टम करवाकर हिरण का अंतिम संस्कार करवा दिया। उन्होंने हिरण की लैब जांच और मेडिकल बोर्ड से दोबारा जांच की मांग की है ताकि शिकार के सही कारणों का पता चल सके।
वन्यजीव प्रेमियों की मांग
पशु प्रेमियों ने वन विभाग की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि शिकारियों को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दी जाए। साथ ही, वन्यजीव संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। जीव रक्षा संस्था ने इस मामले में पारदर्शी जांच की मांग की है।
27 जुलाई को भी हुआ था शिकार
इससे पहले, 27 जुलाई 2025 को कानासर के रोही क्षेत्र में एक अन्य चिंकारा हिरण का शिकार हुआ था। वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी जसवंत बावरी को बदरासर से पकड़ा गया, जबकि उसके भतीजे मक्खन बावरी को मोटरसाइकिल और लमछड़ बंदूक के साथ गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद भी वन्यजीव प्रेमियों ने वन विभाग से कठोर कार्रवाई की मांग की थी।