बीकानेर: फर्जी गिरदावरी से मूंगफली टोकन घोटाला बेनकाब, कोलासर के दो कियोस्क संचालकों पर एफआईआर

बीकानेर। खरीफ 2025 में मूंगफली की सरकारी खरीद में बड़ा फर्जीवाड़ा! ग्राम कोलासर में दो ई-मित्र कियोस्क संचालकों ने फर्जी गिरदावरी तैयार कर अवैध टोकन जारी किए। तहसीलदार (राजस्व) नितिश कांत शर्मा ने स्वयं गजनेर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज और राजकोष हानि के आरोप में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सहायक कलेक्टर की जांच में खुली पोल

जिला कलक्टर के निर्देश पर 4 नवंबर 2025 को सहायक कलेक्टर (शहर) ने कोलासर में ई-मित्र कियोस्कों से जारी मूंगफली टोकनों की जांच की। जांच में सामने आया:

  • सम्पतलाल उपाध्याय (कियोस्क ID: K8023191, ग्राम कोलासर)
  • नारायण पायवाल (कियोस्क ID: K101174808, ग्राम कोलासर)

इन दोनों ने फर्जी गिरदावरी प्रविष्टियां तैयार कर किसानों को अवैध रूप से टोकन जारी किए, जो कूटरचित राजकीय दस्तावेज की श्रेणी में आते हैं।

जिला प्रशासन के सख्त आदेश, पुलिस कार्रवाई शुरू

सहायक कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला कलक्टर ने तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। 5 नवंबर 2025 को तहसीलदार नितिश कांत शर्मा (36, निवासी लाजपत नगर, सूरतगढ़; हाल पदस्थापित बीकानेर) ने गजनेर थाने में लिखित रिपोर्ट पेश की। साथ में कार्यालय तहसीलदार (राजस्व) बीकानेर द्वारा जारी टाइपशुदा जांच प्रतिवेदन क्रमांक राजस्व/2025/1183 (दिनांक 05.11.2025) भी संलग्न किया गया।

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4), 336(2), 336(3) एवं 61(2) के तहत मामला दर्ज। मामले की जांच हेड कांस्टेबल हरवीर सिंह को सौंपी गई है।

सहायक कलेक्टर बीकानेर (शहर) की सख्ती से खुला भ्रष्टाचार

सहायक कलेक्टर बीकानेर (शहर) की सक्रिय भूमिका और त्वरित शिकायत से किसानों के नाम पर हो रही बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। प्रशासन और पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से राजस्व दस्तावेजों से जुड़े मामलों में फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया है।

इस तरह पूरे जिले में फर्जी टोकन जारी होने की आशंका

इस प्रकार का मामला सामने आने के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि इस तरह पूरे जिले में फर्जीवाड़ा हुआ है। जिला प्रशासन को गहनता से छानबीन करते हुए कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि किसानों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार व राजस्व नुकसान का खुलासा हो सके।