बीकानेर | राजस्थान के बीकानेर जिले के मुक्ताप्रसाद नगर थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग दंपती के सड़ी-गली हालत में शव मिलने से सनसनी फैल गई है। पुलिस ने इस मामले में हत्या की पुष्टि की है और घटना के खुलासे के लिए पांच विशेष जांच टीमें गठित की हैं। मृतक दंपती के परिजनों ने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने तीन दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस भरोसे के आधार पर परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम करवाया। मृतक दंपती के बेटे अजय वर्मा ने आशंका जताई है कि यह हत्या किसी परिचित व्यक्ति ने ही की या करवाई है, क्योंकि घर का मुख्य दरवाजा बाहर से ताला बंद था और घर में मिले साक्ष्य साजिश की ओर इशारा करते हैं।
घटना का विवरण और पुलिस की पुष्टि
मुक्ताप्रसाद नगर थाना क्षेत्र में 15 जुलाई 2025 को एक घर में बुजुर्ग दंपती के शव मिले, जो तीन से चार दिन पुराने बताए जा रहे हैं। स्थानीय पुलिस और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ADSP) सौरभ तिवारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने हत्या की पुष्टि की है, जिसके बाद थानाधिकारी विजेंद्र सिला के नेतृत्व में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम को बुलाया गया। FSL ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए, जिनमें घर के अंदर मिले तीन पानी के ग्लास और अन्य सामग्री शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि शवों की सड़ी-गली हालत के कारण तत्काल पहचान मुश्किल थी, लेकिन पोस्टमार्टम और अन्य जांच के बाद मृतकों की पहचान एक पूर्व सैनिक और उनकी पत्नी के रूप में हुई।
मृतक दंपती लंबे समय से अकेले रह रहे थे, क्योंकि उनके बच्चे और परिवार शहर से बाहर रहते हैं। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत पैदा कर दी है, क्योंकि मुक्ताप्रसाद नगर एक शांत और सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है।
परिजनों का धरना और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग
घटना की सूचना मिलते ही मृतक दंपती के परिजन बीकानेर पहुंचे और मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया। परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। मृतक दंपती के बेटे अजय वर्मा ने कहा, “मेरे माता-पिता की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। हम चाहते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द दोषियों को पकड़े और इस मामले की गहराई से जांच करे।” धरने के दौरान स्थानीय निवासियों ने भी परिजनों का समर्थन किया, जिससे पुलिस पर दबाव बढ़ गया।
पुलिस ने परिजनों को तीन दिन के भीतर कार्रवाई का भरोसा दिलाया, जिसके बाद शवों का पोस्टमार्टम 16 जुलाई 2025 को करवाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के कारणों और समय का खुलासा होने की उम्मीद है, जो जांच को और दिशा देगी।
साजिश की आशंका और जांच की दिशा
मृतक दंपती के बेटे अजय वर्मा ने पुलिस को बताया कि हत्या में किसी परिचित व्यक्ति का हाथ होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने बताया कि घर का मुख्य दरवाजा बाहर से ताला बंद था, और घर की व्यवस्था सामान्य प्रतीत हो रही थी, जो जबरन घुसपैठ की संभावना को कम करता है। घर के अंदर तीन पानी के ग्लास मिले, जो यह संकेत देते हैं कि मृतक दंपती ने किसी परिचित के साथ समय बिताया होगा। अजय ने कहा, “यह कोई अनजान व्यक्ति का काम नहीं हो सकता। घर में कोई तोड़फोड़ नहीं थी, और दरवाजा बाहर से बंद था। यह साफ है कि हत्यारा कोई ऐसा व्यक्ति था, जिसे मेरे माता-पिता जानते थे।”
पुलिस ने इस सिद्धांत को गंभीरता से लिया है और पांच विशेष जांच टीमें गठित की हैं, जो अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रही हैं। इनमें शामिल हैं:
- FSL और साक्ष्य विश्लेषण: घर से एकत्र किए गए साक्ष्यों, जैसे पानी के ग्लास, उंगलियों के निशान, और अन्य सामग्री की फोरेंसिक जांच।
- सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच: आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच और मृतकों के फोन रिकॉर्ड का विश्लेषण।
- पड़ोसियों और परिचितों से पूछताछ: दंपती के सामाजिक और पारिवारिक संपर्कों से जानकारी एकत्र करना।
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट: मृत्यु के कारण, समय, और संभावित हथियार की पहचान।
- संदिग्धों की तलाश: उन व्यक्तियों की जांच, जो हाल के दिनों में दंपती के संपर्क में थे।
पुलिस ने बताया कि जांच में गति लाने के लिए अतिरिक्त संसाधन और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। थानाधिकारी विजेंद्र सिला ने कहा, “हम इस मामले को प्राथमिकता पर ले रहे हैं। सभी संभावित कोणों से जांच की जा रही है, और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा।”
सामाजिक प्रभाव और सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने बीकानेर में बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर उन लोगों की, जो अकेले रहते हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि मुक्ताप्रसाद नगर में बुजुर्ग दंपती की हत्या ने पूरे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे इलाके में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। अब लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।” कुछ सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि पुलिस नियमित गश्त बढ़ाए और बुजुर्गों के लिए विशेष सुरक्षा योजनाएं शुरू करे।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत के विभिन्न हिस्सों में बुजुर्ग दंपतियों की हत्या के मामले सामने आए हैं, जैसे दिल्ली (2025) और नोएडा (2016) में, जहां परिचितों या देखभाल करने वालों पर संदेह हुआ था। इन मामलों में पुलिस ने फोरेंसिक और तकनीकी जांच के जरिए अपराधियों को पकड़ा था, जो बीकानेर पुलिस के लिए एक मिसाल हो सकता है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
ADSP सौरभ तिवारी ने कहा कि पुलिस इस मामले में पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने परिजनों और स्थानीय निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि तीन दिन के भीतर महत्वपूर्ण प्रगति होगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक विश्लेषण के आधार पर जांच को और तेज किया जाएगा। बीकानेर पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर भी इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जनता से सहयोग की अपील की है।