बीकानेर – शहर की सर्वोदय बस्ती में रहने वाले मुकनाराम जाखड़ की कथित चिकित्सकीय लापरवाही से मौत ने स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीने में असहनीय दर्द महसूस करने पर मुकनाराम ने कोठारी हॉस्पिटल में जांच कराई, लेकिन वहां डॉक्टरों ने ईसीजी रिपोर्ट को सामान्य बताकर उन्हें घर लौटा दिया। घर पहुंचते ही मुकनाराम आराम करने चले गए, लेकिन सुबह होने पर वे हमेशा के लिए सो चुके थे।
परिजनों के अनुसार, घटना की जानकारी मिलते ही वे घबरा गए। मुकनाराम की ईसीजी रिपोर्ट को दोबारा जांचने के इरादे से वे पीबीएम हॉस्पिटल (सचखंड हल्दीराम मेडिकल सेंटर) पहुंचे। वहां मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रिपोर्ट का अवलोकन किया और तत्काल चेतावनी दी कि यह हार्ट अटैक का स्पष्ट लक्षण दर्शा रही है। उन्होंने सलाह दी कि मरीज को बिना विलंब के नजदीकी अस्पताल ले जाया जाए। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिजनों का गुस्सा फूटा, हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन
इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने कोठारी हॉस्पिटल पहुंचकर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि प्रारंभिक जांच में ही यदि सतर्कता बरती जाती तो मुकनाराम की जान बचाई जा सकती थी। सूत्रों के मुताबिक, हॉस्पिटल प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए हैं। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस-प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की अपील कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लिया संज्ञान
जानकारी मिलते ही जिला स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। यदि लापरवाही साबित हुई तो संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना बीकानेर के निजी अस्पतालों की जांच प्रक्रियाओं पर बहस छेड़ने वाली है, जहां कई बार जल्दबाजी में गंभीर बीमारियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
मुकनाराम के परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो इस सदमे से टूट चुके हैं। स्थानीय सामाजिक संगठन भी परिजनों के समर्थन में उतर आए हैं। हमारी टीम घटनास्थल से लगातार अपडेट ला रही है। यदि आपके पास कोई अतिरिक्त जानकारी हो, तो संपर्क करें।
