राजनीति

बांसवाड़ा: विधायक कैलाश मीणा के डिप्टी एसपी के पैर छूने से हड़कंप, ASI हटाया, तीन मामलों की जांच शुरू

बांसवाड़ा | राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की गढ़ी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कैलाश मीणा द्वारा डिप्टी एसपी सुदर्शन पालीवाल के पैर छूने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। विधायक की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने गढ़ी थाने के एएसआई को हटाने और तीन गंभीर मामलों की जांच डिप्टी एसपी गोपीचंद मीणा को सौंपने का आदेश दिया।

घटना का विवरण

12 जुलाई 2025 को विधायक कैलाश मीणा ने गढ़ी थाने के बाहर अपने समर्थकों और पीड़ितों के साथ धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने थानाधिकारी पर भूमाफियाओं के साथ साठगांठ, जनसुनवाई में उदासीनता, और पक्षपातपूर्ण रवैये के गंभीर आरोप लगाए। धरने के दौरान विधायक ने डिप्टी एसपी के सामने न केवल हाथ जोड़े बल्कि उनके पैर भी छुए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। विधायक का कहना था कि पुलिस जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और भूमाफियाओं को खुला संरक्षण दे रही है। इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की।

विधायक की प्रमुख शिकायतें

कैलाश मीणा ने तीन प्रमुख मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की:

  1. जमीन की फर्जी रजिस्ट्री: परतापुर के बेडवा में 9 बीघा कीमती जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का मामला, जिसमें पटवारी और अन्य की मिलीभगत का आरोप है।
  2. भूमाफियाओं पर नकेल: विधायक ने भूमाफियाओं के खिलाफ धारा 420 के तहत कार्रवाई की मांग की, जिन्हें थाने द्वारा संरक्षण देने का आरोप है।
  3. आत्महत्या मामले की जांच: भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष के पोते और एक युवती के फंदे पर लटके पाए जाने के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग।

इसके अलावा, विधायक ने गढ़ी थाने के एएसआई महिपाल सिंह पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।

पुलिस प्रशासन का एक्शन

पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कदम उठाए:

  • एएसआई पर कार्रवाई: दुर्व्यवहार के आरोप में एएसआई महिपाल सिंह को गढ़ी थाने से हटाकर बांसवाड़ा जिला मुख्यालय बुला लिया गया।
  • जांच का जिम्मा डिप्टी एसपी को: फर्जी रजिस्ट्री, भूमाफियाओं, और आत्महत्या के मामले की जांच डिप्टी एसपी गोपीचंद मीणा को सौंपी गई। वे जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगे।
  • मामला दर्ज: फर्जी रजिस्ट्री के मामले में धारा 420 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हमने विधायक की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। एएसआई को हटाया गया है, और सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, “जब सत्तारूढ़ दल का विधायक ही डिप्टी एसपी के पैर पकड़ने को मजबूर है, तो आम जनता की क्या स्थिति होगी?” सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने विधायक के इस कदम को जनता के लिए संघर्ष का प्रतीक बताया, जबकि अन्य ने इसे महज नाटक करार दिया।

विधायक का पक्ष

कैलाश मीणा ने कहा, “मैंने अपने क्षेत्र की जनता के लिए यह कदम उठाया। गढ़ी थाना भूमाफियाओं और दलालों का गढ़ बन चुका है। पुलिस को जनता की सुननी होगी, न कि माफियाओं की।” उन्होंने डिप्टी एसपी के पैर छूने को अपनी मजबूरी और जनता के प्रति जवाबदेही का प्रतीक बताया।

क्या होगा अगला कदम?

डिप्टी एसपी गोपीचंद मीणा की जांच इस मामले में सच्चाई को सामने लाएगी। यह घटना न केवल पुलिस-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच तनाव को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने की जरूरत है। जांच के परिणाम और पुलिस की कार्रवाई इस मामले के भविष्य को निर्धारित करेंगे।

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