जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कई अहम मुद्दों पर बयान दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया खुलासों को चुनाव आयोग की साख पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला बताया। गहलोत ने कहा कि जो काम चुनाव आयोग को खुद करना चाहिए था, वह राहुल गांधी ने कर दिखाया, लेकिन इसके बजाय आयोग ने राहुल से ही शपथ पत्र मांग लिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
चुनाव आयोग पर निशाना
गहलोत ने दावा किया कि राहुल गांधी के खुलासे के बाद चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू करनी चाहिए थी। इसके बजाय आयोग का राहुल से शपथ पत्र मांगना उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा, “यदि चुनाव आयोग की भूमिका ही संदिग्ध हो जाएगी, तो देश में लोकतंत्र कैसे बचेगा?” गहलोत ने याद दिलाया कि एक समय था जब चुनाव आयोग की साख इतनी मजबूत थी कि अन्य देश भी इसके प्रशिक्षण के लिए भारत आते थे, लेकिन आज वह साख खत्म हो गई है।
कन्हैयालाल हत्याकांड पर गंभीर आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार के समय एनआईए जांच अपने हाथ में नहीं लेती, तो वे हत्यारों को सजा दिला देते। गहलोत ने आरोप लगाया कि हत्यारों का भाजपा से ताल्लुक है और इस मामले में केंद्र सरकार की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि शाह हाल ही में राजस्थान आए थे, लेकिन कन्हैयालाल हत्याकांड पर एक शब्द भी नहीं बोले, जो चिंता का विषय है।
राजनीतिक संदर्भ
गहलोत के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब कांग्रेस लगातार चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। राहुल गांधी के हालिया बयानों और प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर पार्टी ने चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ाया है। गहलोत ने इस संदर्भ में कहा कि देश की जनता अब संस्थाओं पर भरोसा खो रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।