छत्तीसगढ़ के आदिवासी गांव से निकलकर अनिमेष ने 100 मीटर दौड़ में 10.18 सेकंड का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया
भारतीय एथलेटिक्स को एक नया सितारा मिला है, और उनका नाम है अनिमेष कुजूर। 22 साल के इस युवा धावक ने 5 जुलाई 2025 को ग्रीस के वारी शहर में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट एंड रिलेज मीट में इतिहास रच दिया। अनिमेष ने 100 मीटर दौड़ को सिर्फ 10.18 सेकंड में पूरा कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय धावक ने 100 मीटर की दौड़ को 10.20 सेकंड से कम समय में पूरा किया।
छोटे गांव से बड़े सपनों तक
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के छोटे से आदिवासी गांव घुइतांगर में जन्मे अनिमेष की कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं है। उनके परिवार की इच्छा थी कि वह भारतीय सेना में अफसर बनें, लेकिन किस्मत ने उन्हें रेसिंग ट्रैक तक पहुंचाया। बारहवीं कक्षा के बाद सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे अनिमेष की प्रतिभा को ओडिशा के एक कोच ने पहचाना और उन्हें स्प्रिंटिंग की दुनिया में उतारा। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें आज भारत का सबसे तेज़ धावक बना दिया।
ड्रोमिया मीट में शानदार प्रदर्शन
विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर के सिल्वर लेबल इवेंट, ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में अनिमेष ने 100 मीटर दौड़ में तीसरा स्थान हासिल किया। इस रेस में दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन (10.01 सेकंड) पहले और ओमान के अली अल बलूशी (10.12 सेकंड) दूसरे स्थान पर रहे। अनिमेष की 10.18 सेकंड की टाइमिंग ने गुरिंदरवीर सिंह के 10.20 सेकंड के पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। यह प्रदर्शन न केवल उनकी प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक गर्व का क्षण भी है।
पहले भी तोड़े रिकॉर्ड
अनिमेष का यह पहला रिकॉर्ड नहीं है। मई 2025 में दक्षिण कोरिया में हुई एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 200 मीटर दौड़ को 20.32 सेकंड में पूरा कर एक और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और कांस्य पदक जीता। इस तरह, अनिमेष अब भारत के 100 मीटर और 200 मीटर दोनों दौड़ों के रिकॉर्ड धारक हैं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय स्प्रिंटिंग के सुनहरे भविष्य की ओर इशारा करती है।
देश भर में चर्चा
अनिमेष की इस उपलब्धि ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। लोग उन्हें “भारत का नया उसैन बोल्ट” कहकर पुकार रहे हैं। उनके प्रदर्शन ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित किया है। खेल प्रेमी और विशेषज्ञ उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे, और उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।
भविष्य का सितारा
अनिमेष की उम्र और उनकी लगातार बेहतर होती टाइमिंग को देखते हुए, विशेषज्ञ मानते हैं कि वह जल्द ही वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन करेंगे। उनकी मेहनत, कोचिंग, और दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, और वह अब ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।
निष्कर्ष:
अनिमेष कुजूर की यह उपलब्धि भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक नया मोड़ है। एक छोटे से गांव से निकलकर विश्व मंच पर भारत का परचम लहराने वाले इस युवा धावक ने साबित कर दिया है कि सपने कितने भी बड़े हों, मेहनत और लगन से उन्हें हकीकत में बदला जा सकता है। अनिमेष अब न केवल भारत के सबसे तेज़ धावक हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी हैं।