राजस्थान

राजस्थान की ग्रामीण राजनीति में अपूरणीय क्षति: किसानों के प्रहरी रामेश्वर डूडी का असामयिक निधन

बीकानेर/नागौर/श्रीगंगानगर (विशेष प्रतिनिधि): राजस्थान की राजनीतिक दिग्गजों की सूची में एक और नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बीकानेर संभाग के किसान समुदाय के प्रबल समर्थक रामेश्वर डूडी (62) का शुक्रवार देर रात बीकानेर में निधन हो गया। अगस्त 2023 में ब्रेन हेमरेज के बाद से लगभग 25 महीनों तक कोमा की जकड़न में संघर्ष करते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके अवसान की खबर ने बीकानेर, नागौर और श्रीगंगानगर जैसे क्षेत्रों में गहन शोक की छाया बिखेर दी है, जहां वे न केवल एक राजनेता थे, बल्कि ग्रामीण जीवन की हर धड़कन का प्रतीक।

धरतीपुत्र से विधानसभा तक का प्रेरक सफर

रामेश्वर डूडी का जन्म बीकानेर जिले के नोखा क्षेत्र में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। छात्र जीवन से ही राजनीति में कूदे डूडी ने अपनी शुरुआत एनएसयूआई के माध्यम से की, जहां उनकी वाक्पटुता और जमीनी मुद्दों पर पकड़ ने जल्द ही उन्हें नजरअंदाज न करने लायक बना दिया। 1990 के दशक में वे जिला प्रमुख बने, फिर बीकानेर से सांसद और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में चमके। लेकिन उनकी असली ताकत थी ग्रामीण राजस्थान की जड़ों से जुड़ाव। चाहे किसान आंदोलनों का नेतृत्व हो या मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई, डूडी हमेशा मैदान में उतरते थे—बिना किसी दिखावे के।

वे अक्सर कहते थे, “राजनीति सत्ता की कुर्सी नहीं, जनता की पीड़ा बांटने का माध्यम है।” इसी सिद्धांत ने उन्हें ‘किसानों का मसीहा’ का खिताब दिलाया। उनके नेतृत्व में हुए आंदोलनों ने सिंचाई, फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे मुद्दों पर सरकारों को झुकने पर मजबूर किया। राजनीतिक विरोधियों के बीच भी उनकी सादगी और संवाद की कला प्रसिद्ध थी—एक ऐसे नेता जो दुश्मनी को दुश्मनी न बनने देते।

राजनीतिक हलकों में सन्नाटा, नेताओं की श्रद्धांजलि

डूडी के निधन ने न केवल कांग्रेस को, बल्कि पूरे राजस्थान की राजनीति को हिलाकर रख दिया। सोशल मीडिया पर बाढ़-सी आ गई श्रद्धांजलि संदेशों की। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर डूडी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से प्रारंभ होकर जिला प्रमुख और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने तक का अविस्मरणीय सफर रहा।”

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनिवाल ने भावुक होकर कहा, “सांसद व किसान नेता श्री रामेश्वर जी डूडी का निधन हो जाना अत्यंत दुःखद व पीड़ादायक है। हमेशा परिवारिक सदस्य की तरह स्नेह रखने वाले रामेश्वर जी का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।” वहीं, भाजपा नेता सीपी जोशी ने फेसबुक पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें व शोकाकुल परिवारजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

ये संदेश न केवल डूडी की राजनीतिक विरासत को रेखांकित करते हैं, बल्कि दर्शाते हैं कि कैसे एक नेता पार्टियां लांघकर सम्मान कमाता है।

अंतिम विदाई: दोपहर में बीकानेर में होगा अंतिम संस्कार

परिवार के अनुसार, डूडी का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह बीकानेर पहुंच चुका है। दोपहर में डूडी गार्डन में उनका अंतिम संस्कार होगा, जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट समेत प्रदेश के प्रमुख नेता पहुंचने वाले हैं। बीकानेर संभाग के कोने-कोने से समर्थक उमड़ रहे हैं, और नागौर व श्रीगंगानगर में भी स्मृति सभाओं का आयोजन हो रहा है। स्थानीय बाजार बंद हैं, और किसान संगठन शोक सभा बुला चुके हैं। ॐ शांति।

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