अलवर: नाबालिग बेटी को देह व्यापार के लिए मजबूर करने वाली मां को 10 साल की सजा, 5.5 लाख का जुर्माना

अलवर : अलवर की पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 ने एक सनसनीखेज मामले में मां को नाबालिग बेटी को देह व्यापार के लिए मजबूर करने के जुर्म में 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी महिला पर साढ़े 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2016 का है, जिसमें पश्चिम बंगाल की रहने वाली इस महिला ने अपनी 11 साल की बेटी को मात्र 10 हजार रुपए में बेच दिया और करीब 6 महीने तक उससे देह व्यापार करवाया। मामले में उसका एक साथी अभी भी फरार है।

घटना और जांच की शुरुआत

सरकारी वकील पंकज यादव के अनुसार, 7 अगस्त 2016 को तत्कालीन सदर थाना इंचार्ज कैलाश चौधरी को गाजूकी गांव से देह व्यापार की सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि एक महिला, बिल्लो, ने एक नाबालिग बच्ची को तस्करी के जरिए कोलकाता से अलवर लाया था और जबरन गलत काम करवा रही थी। पुलिस ने बच्ची को बिल्लो के घर से बरामद किया। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि उसकी मां ने उसे बेच दिया था और बिल्लो ने उसे शोषण के लिए मजबूर किया। इसके बाद बिल्लो को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पहली सजा और नई कार्रवाई

लंबी सुनवाई के बाद 26 जुलाई 2019 को कोर्ट ने बिल्लो को 5 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, मामले की गहराई से जांच जारी रही। पुलिस ने पीड़िता की मां पर शिकंजा कसा और 14 अगस्त 2023 को उसे पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया। जांच में पुष्टि हुई कि मां ने अपनी बेटी को 10 हजार रुपए में बेचा और 6 महीने तक उसका शोषण करवाया।

कोर्ट का फैसला

2 अगस्त 2025 को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मां को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश शिल्पा समीर ने इस सख्त सजा के साथ 5.5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराध समाज के लिए गंभीर खतरा हैं और पीड़ित बच्ची के साथ हुई क्रूरता को देखते हुए यह सजा जरूरी है। मां का साथी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।