राजस्थान

अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल: गैंगस्टरों की बिगड़ती सेहत ने बढ़ाई चिंता

अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को दो कुख्यात गैंगस्टर्स की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) अस्पताल ले जाया गया। यह घटना जेल प्रशासन के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आई है, क्योंकि इन अपराधियों की सेहत में आई गिरावट ने सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों गैंगस्टर्स—नरेंद्र उर्फ नंदू और मिंटू मोडासिया—अपने-अपने अपराधिक नेटवर्क से जुड़े हैं और जेल में सजा काट रहे हैं।

नरेंद्र उर्फ नंदू: भूख हड़ताल का गहरा असर

गैंगस्टर भानु प्रताप के शार्प शूटर नरेंद्र उर्फ नंदू लंबे समय से जेल में बंद है और पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था। जेल में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन हाल के दिनों में उसकी हालत बिगड़ने लगी। खबरों के मुताबिक, नरेंद्र ने 5 सितंबर 2024 को जेल बदलने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसने उसकी सेहत को और नुकसान पहुंचाया। मंगलवार को दोपहर 01:52 बजे के आसपास उसकी हालत गंभीर होने पर उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेएलएन अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद दवाइयां दीं और उसे वापस जेल भेज दिया, लेकिन उसकी कमजोरी चिंता का विषय बनी हुई है।

मिंटू मोडासिया: लॉरेंस गैंग का खूंखार चेहरा

दूसरा नाम है हरियाणा के कुख्यात अपराधी मिंटू मोडासिया का, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य है। मिंटू पर महाराष्ट्र नियंत्रण अपराध अधिनियम (MCOCA) के तहत कार्रवाई हुई है, और उसके खिलाफ चार राज्यों में हत्या समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं। पिछले कुछ दिनों से उसे पीठ में दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते जेल चिकित्सकों ने उसे अस्पताल रेफर किया। मंगलवार को उसे भी सुरक्षा घेरे में जेएलएन अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज किया और वापस जेल भेज दिया गया।

सुरक्षा और व्यवस्था पर असर

मिंटू की आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे आम मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हुई। अजमेर की इस हाई सिक्योरिटी जेल में बंद इन दोनों अपराधियों की हर गतिविधि पर प्रशासन की पैनी नजर है। जेल अधिकारियों ने बताया कि इनकी सेहत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

जेल में मेडिकल सुविधाओं पर सवाल

इस घटना ने जेल में चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। क्या इन गैंगस्टर्स को बेहतर इलाज के लिए नियमित रूप से बाहर ले जाना पड़ेगा? क्या जेल में मौजूद मेडिकल स्टाफ और संसाधन पर्याप्त हैं? ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर गहन विचार की जरूरत है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बार-बार ऐसी घटनाओं से इलाके में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

आगे की राह

जेल प्रशासन ने इस मामले में सतर्कता बरतते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। नरेंद्र और मिंटू की सेहत पर नजर रखी जा रही है, और अगर उनकी हालत फिर बिगड़ती है, तो दोबारा अस्पताल ले जाने की तैयारी है। वहीं, इस घटना ने जेल सुधार और इन कैदियों की मांगों को लेकर व्यापक चर्चा शुरू कर दी है। प्रशासन को अब इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

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