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अहमदाबाद विमान हादसा: पायलट की गलती और तकनीकी खराबी के बीच छिपे कारणों की कहानी

12 जून 2025 की सुबह अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघाणीनगर के एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे ने 275 लोगों की जान ले ली, जिसमें विमान में सवार 52 यात्री और क्रू मेंबर्स, साथ ही जमीन पर मौजूद 34 लोग शामिल थे। केवल एक यात्री, विश्वास कुमार, इस त्रासदी से जीवित बचा। यह भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास में सबसे घातक हादसों में से एक है। प्रारंभिक जांच ने पायलट की गलती, तकनीकी खराबी और पर्यावरणीय कारकों को हादसे का संभावित कारण बताया है। आइए, इस हादसे की पूरी कहानी और जांच के निष्कर्षों को समझते हैं।


हादसे की तस्वीर: क्या हुआ?

एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, 241 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स के साथ लंदन के लिए रवाना होने वाली थी। विमान ने रनवे 23 से टेकऑफ शुरू किया, लेकिन उड़ान भरने के 10-15 सेकंड बाद ही यह केवल 825 फीट की ऊंचाई और 174 नॉट्स (320 किमी/घंटा) की गति तक पहुंच सका। यह गति और ऊंचाई इस वजन के विमान के लिए अपर्याप्त थी, जिसे टेकऑफ के लिए 200-250 नॉट्स की आवश्यकता होती है।

सुबह 1:39 बजे, पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को मेडे कॉल के जरिए आपातकाल की सूचना दी। इसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया, और विमान मेघाणीनगर में एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में जा गिरा। हादसे से लगी आग और मलबे ने आसपास की इमारतों को भारी नुकसान पहुंचाया। जमीन पर मारे गए 34 लोगों में चार डॉक्टर और पांच एमबीबीएस छात्र शामिल थे, जिसने स्थानीय मेडिकल समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया।


जांच के निष्कर्ष: हादसे के कारण

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने ब्लैक बॉक्स—फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)—के विश्लेषण के आधार पर प्रारंभिक निष्कर्ष जारी किए हैं। हादसे के कारणों में मानवीय त्रुटि, तकनीकी खराबी और पर्यावरणीय कारकों का मिश्रण सामने आया है।

1. पायलट की गलती: ईंधन कटऑफ का रहस्य

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज एक संवाद ने जांचकर्ताओं का ध्यान खींचा। एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “कट ऑफ (ईंधन बंद करना) क्यों किया?” जवाब मिला, “मैंने नहीं किया।” यह संकेत देता है कि ईंधन कटऑफ स्विच गलती से ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चला गया, जिससे टेकऑफ के दौरान दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रुक गई।

  • कटऑफ स्विच की डिज़ाइन: बोइंग 787-8 में यह स्विच इस तरह बनाया गया है कि इसे गलती से बंद करना मुश्किल है। इससे सवाल उठता है कि क्या यह मानवीय त्रुटि थी या स्विच में कोई तकनीकी खामी थी।
  • कॉन्फिगरेशन में चूक: विशेषज्ञों का अनुमान है कि पायलटों ने टेकऑफ के लिए गलत सेटिंग्स का उपयोग किया, जैसे:
  • फ्लैप्स का गलत कोण, जिससे लिफ्ट कम हुई।
  • गलत गति गणना, जिसके कारण विमान स्टॉल की स्थिति में पहुंच गया।
  • जल्दी रोटेशन, यानी विमान को पर्याप्त गति के बिना उठाने की कोशिश।
  • क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट (CRM): को-पायलट द्वारा कैप्टन की गलतियों को न रोक पाने से स्थिति और बिगड़ गई। जांच में इसकी संभावना 70-80% मानी गई है।

2. तकनीकी खराबी: सिस्टम की गड़बड़ी?

जांच में तकनीकी खराबी को भी एक संभावित कारण माना गया है, हालांकि इसकी संभावना 10-15% है।

  • फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम (FMS): पायलटों द्वारा गलत वजन, तापमान या रनवे डेटा दर्ज करने से गणनाएं गलत हो सकती थीं। जल्दबाजी में इनका दोबारा सत्यापन न करना हादसे का कारण बना।
  • इलेक्ट्रिकल सॉफ्टवेयर: वायु सुरक्षा विशेषज्ञ वंदना सिंह ने बताया कि बोइंग 787-8 के जटिल इलेक्ट्रिकल सिस्टम में सॉफ्टवेयर गड़बड़ी की संभावना हो सकती है, जिसने इंजन पावर या कंट्रोल सिस्टम को प्रभावित किया।
  • Ram Air Turbine (RAT): पायलटों ने RAT को सक्रिय किया, जो तब उपयोग होता है जब दोनों इंजन या इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हो जाते हैं। यह दोनों इंजनों के एक साथ फेल होने की ओर इशारा करता है, जो दुर्लभ है। संभावित कारणों में पक्षी का टकराना या ईंधन की गुणवत्ता शामिल हो सकती है।

3. पर्यावरणीय कारक: गर्मी का प्रभाव

हादसे के समय अहमदाबाद में तापमान 43°C था, और रनवे समुद्र तल से केवल 180 फीट ऊपर था।

  • पतली हवा: उच्च तापमान के कारण हवा पतली हो जाती है, जिससे विमान की लिफ्ट और इंजन थ्रस्ट कम हो जाता है। यह भारी विमानों के लिए खतरनाक हो सकता है।
  • रनवे की स्थिति: हालांकि रनवे 23 की लंबाई पर्याप्त थी, गर्मी ने टेकऑफ को और चुनौतीपूर्ण बना दिया।

4. इंजन फेल्योर की संभावना

बोइंग 787-8 के GE GEnx-1B इंजन अत्यंत विश्वसनीय हैं। दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना असामान्य है। जांच में पक्षी के टकराने या ईंधन संदूषण की संभावना को भी देखा जा रहा है, लेकिन ये कारक प्रारंभिक विश्लेषण में कम प्रबल हैं।


जांच की स्थिति: क्या हो रहा है?

  1. ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण:
  • CVR: 13 जून 2025 को बरामद, जिसमें पायलटों का अंतिम संवाद दर्ज है।
  • FDR: 16 जून 2025 को बरामद, जिसमें विमान की गति, ऊंचाई और RAT के सक्रियण का डेटा है।
  • भारत में ब्लैक बॉक्स विश्लेषण की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन बोइंग और NTSB की विशेषज्ञता के लिए कुछ डेटा विदेशों में विश्लेषित किया जा रहा है।
  1. उच्च-स्तरीय समिति:
  • केंद्र सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जिसमें DGCA, IB और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं।
  • समिति को तीन महीने में अंतिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश है।
  1. अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
  • बोइंग और NTSB तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं, क्योंकि विमान अमेरिकी निर्मित है।
  • यूके का AAIB भी जांच में शामिल है, क्योंकि गंतव्य लंदन था।

हादसे का प्रभाव: मानवीय और सामाजिक नुकसान

  1. मृत्यु और जीवित बचे:
  • विमान में सवार 253 में से 252 लोग मारे गए। विश्वास कुमार, एकमात्र जीवित यात्री, गंभीर रूप से घायल है।
  • जमीन पर 34 लोग मारे गए, जिनमें मेडिकल हॉस्टल के चार डॉक्टर और पांच एमबीबीएस छात्र शामिल थे।
  • डीएनए और अन्य तरीकों से 259 शवों की पहचान की गई, और 245 शव परिजनों को सौंपे गए।
  1. स्थानीय क्षति:
  • मेघाणीनगर का मेडिकल हॉस्टल परिसर और आसपास की इमारतें नष्ट हो गईं।
  • आग और मलबे ने राहत कार्यों को मुश्किल बना दिया।
  1. बचाव और राहत:
  • अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज ने 591 कर्मियों और 50 एम्बुलेंस की मदद से 30 लोगों को बचाया।
  • सेना, NDRF और स्थानीय पुलिस ने मलबा हटाने और पीड़ितों की मदद में योगदान दिया।

भविष्य के लिए सबक

यह हादसा भारतीय उड्डयन क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है। प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:

  • बेहतर प्रशिक्षण: पायलटों के लिए CRM और आपातकालीन निर्णय लेने की ट्रेनिंग को मजबूत करना।
  • तकनीकी जांच: FMS और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की नियमित जांच, खासकर गर्म मौसम में।
  • पर्यावरणीय कारक: उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में टेकऑफ प्रक्रियाओं को और सख्त करना।
  • तेज जांच: ब्लैक बॉक्स विश्लेषण की सुविधा को भारत में और उन्नत करना।

निष्कर्ष: एक सबक और सवाल

अहमदाबाद विमान हादसा एक दुखद घटना है, जिसने मानवीय और तकनीकी कमियों को उजागर किया। प्रारंभिक जांच में पायलट की गलती (ईंधन कटऑफ स्विच या कॉन्फिगरेशन त्रुटि) और उच्च तापमान को प्रमुख कारण माना गया है, लेकिन तकनीकी खराबी की संभावना बाकी है। अंतिम जांच रिपोर्ट, जो तीन महीने में अपेक्षित है, इस त्रासदी के सटीक कारणों को स्पष्ट करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश देगी।

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