गहलोत का बड़ा बयान: जगदीप धनखड़ का इस्तीफा रहस्यमय, देश को स्पष्टीकरण की जरूरत

जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला बोला। गहलोत ने इसे “लोकतंत्र पर खतरे” का प्रतीक बताते हुए कहा कि धनखड़ का इस्तीफा रहस्यमय बना हुआ है और वे स्वयं इस पर मौन हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई मामूली घटना नहीं है, और देश को इसकी सच्चाई बताई जानी चाहिए। गहलोत ने बीकानेर में मीडिया से बात करते हुए यह भी संदेह जताया कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे बीजेपी और आरएसएस का कोई “राजनीतिक दबाव” हो सकता है।गहलोत ने कहा कि धनखड़ ने 15 दिन पहले तक 2027 तक अपने पद पर बने रहने की बात कही थी, लेकिन अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सवाल उठाया, “जब प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति गंभीर सर्जरी के बाद भी पद नहीं छोड़ते, तो धनखड़ ने ऐसा क्यों किया? यह विश्वास करना मुश्किल है।” गहलोत ने दावा किया कि धनखड़ ने किसानों के मुद्दों पर खुलकर बात की थी, जिससे सरकार नाराज हो सकती थी। उन्होंने जयपुर में 23 जुलाई को धनखड़ के एक कार्यक्रम को रद्द करने और संसद सत्र के बीच इस्तीफे के समय पर भी सवाल उठाए।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी धनखड़ के इस्तीफे को “मजबूरन लिया गया कदम” बताया और कहा कि इसके पीछे गहरे कारण हैं। उन्होंने धनखड़ की किसानों के प्रति संवेदनशीलता और संसदीय नियमों के प्रति निष्ठा की तारीफ की। वहीं, बीजेपी ने गहलोत के बयानों को “बेबुनियाद” करार देते हुए कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया और वे पहले भी अस्वस्थ होने पर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि धनखड़ जैसे “किसान पुत्र” को दबाव में इस्तीफा देना पड़ा।